मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई। कुलपति की अध्यक्षता में संबद्धता कमेटी और अन्य निकायों से स्वीकृत कई मामलों को काउंसिल के सदस्यों की
सहमति से पास कर दिया गया। काउंसिल ने मास्टर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (एमएससी नर्सिंग), पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग (पीबीएससी नर्सिंग), बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी), बैचलर ऑफ साइंस इन ऑप्टोमेट्री (बीएससी ऑप्टोमेट्री), बैचलर ऑफ साइंस इन रेडियोलॉजिकल इमेजिंग टेक्निक्स, बैचलर ऑफ ऑफ साइंस इन ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी, बैचलर ऑफ साइंस इन मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी (बीएमएलटी), बीएससी नर्सिंग, एमजेएमसी (सेल्फ फाइनेंस), एलएलएम (सेल्फ फाइनेंस) में खोलने की अनुमति मिल गई।काउंसिल ने 32 कॉलेजों के संबद्धन को लेकर एक दिन पहले लिए गए फैसले पर भी मुहर लगा दी। इधर, बैठक में विवि में शिक्षा से पीएचडी करने पर भी निर्णय ले लिया गया है। इसमें कहा गया है कि प्राइवेट बीएड कॉलेजों के शिक्षक सशर्त एजुकेशन से पीएचडी करा सकेंगे। कहा गया कि इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। इसके अनुसार कम से कम पांच साल अनुभव और यूजीसी के दो रेफर्ड या पीयर रिव्यूड जर्नल में रिसर्च पेपर का प्रकाशन होना चाहिए। इतनी योग्यता वाले शिक्षक अपने अंदर कम से कम चार छात्रों को रिसर्च करा सकेंगे। बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ.अभय कुमार ङ्क्षसह की ओर से रखे गए छात्रों के विषय बदलकर नामांकन लेने के निर्णय को मंजूरी मिल गई। इसमें डीएसडब्ल्यू ने प्रस्ताव रखा था कि जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय की तर्ज पर यहां भी छात्र स्ट्रीम और विषय बदलकर पीजी में दाखिला ले सकेंगे। इसके लिए स्नातक में 45 फीसदी अंक या इससे अधिक वाले छात्र पीजी के दूसरे विषयों में नामांकन करा सकेंगे।
कॉमर्स और मैनेजमेंट के लिए बनेंगे अलग-अलग विभाग
विवि में अब कॉमर्स व मैनेजमेंट के लिए अलग-अलग विभाग विभाग बनाए जाएंगे। मैनेजमेंट को कॉमर्स से अलग करने का निर्णय लिया गया है। वहीं आरडीएस सहित अन्य कॉलेजों में होने वाली प्राचीन इतिहास विषय की पढ़ाई का समन्वय पीजी इतिहास विभाग से होगा। वहीं होमियोपैथी से एमएडी करने वाले छात्रों के पीएचडी करने पर भी निर्णय हो गया है। आयुष मंत्रालय ने दो साल पहले ही इसके लिए पत्र जारी किया था। इसके अलावा संगीत पीजी सेंटर विवि में बनाने का निर्णय लिया जाएगा। बैठक में प्रोवीसी डॉ.रवींद्र कुमार, कुलसचिव डॉ.आरके ठाकुर, डीएसडब्ल्यू डॉ.अभय कुमार ङ्क्षसह, सीसीडीसी डॉ.अमिता शर्मा, प्रॉक्टर डॉ.अजीत कुमार, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.सतीश कुमार राय, डीन सोशल साइंस डॉ.अर्पणा शर्मा, डीन मानविकी डॉ.अनिल कुमार सिंह, डॉ.रमण, एमडीडीएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ.कनुप्रिया, डॉ.रेवती रमण सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।