जिले के सभी सभी हाई स्कूल व उत्क्रमित हाई स्कूलों के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के प्रमाण पत्र के बारे में हेडमास्टरों से घोषणा पत्र मांगी गई है। बिना जांच के वेतन का भुगतान नहीं होगा। डीपीओ स्थापना राजेन्द्र सिंह ने इस
संदर्भ में सभी तरह के हाई स्कूल व उत्क्रमित हाई स्कूलों के हेडमास्टरों को पत्रांक 312 के माध्यम से जानकारी मांगी है। डीपीओ ने कहा है कि लाेकायुक्त बिहार द्वारा पारित आदेश के आलोक में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन का भुगतान शैक्षणिक प्रमाण पत्र के बाद करना है। इस संदर्भ में सभी हेडमास्टरों से प्रमाण पत्र लेना है। अब हेडमास्टर डीपीओ स्थापना को यह घोषणा पत्र देंगे कि सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच करा ली गई है। साथ ही अब वेतन का भुगतान प्रमाण पत्र जांच के बाद ही किया जाएगा।सेवा भारती डिग्रीधारियों की मांगी सूची
डीपीओ
स्थापना ने सेवा भारती के आधार पर डिग्री लगाकर ट्रेंड शिक्षक का वेतन
पाने वाले शिक्षकों की सूची बीईओ से मांगी है। ऐसा बताया जा रहा है कि यह
डिग्री अमान्य संस्था का है। इस आधार पर भी बड़ी संख्या में शिक्षक बहाल हो
गए है। इसलिए डपीओ ने बीईओ से इसकी रिपोर्ट मांगी है। डीपीओ से मिले आदेश
के आलोक में सभी हेडमास्टरों से बीईओ सूची की मांग कर रहे है, ताकि डीपीओ
को ऐसे शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराई जा सके।
पांच तारीख तक सूची नहीं देने वाले शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जिले
के सभी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के वेतन भुगतान से संबंधित
सूची प्रत्येक माह के 5 तारीख तक भेजने का निर्देश दिया गया है। डीपीओ
स्थापना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीईओ पांच तारीख तक सूची को स्पष्ट
राशि के साथ सूची भेज दें। लेट होने की स्थिति में बीईओ खुद जिम्मेवार
होंगे। बीईओ द्वारा समय पर सूची नहीं भेजने पर वेतन मद में राशि रहने के
बाद भी भुगतान करने में अनावश्यक रूप से लेट होती है। इससे शिक्षकों के बीच
नाराजगी देखी जाती है। लेकिन डीपीओ के इस नए आदेश से बीईओ समय सीमा के
अंदर शिक्षकों के वेतन भुगतान से संबंधित पॉजिटव व निगेटिव सूची भेज
सकेंगे।