नियमों को ताक पर रखकर सरकारी विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक की कुर्सी पर काबिज विद्यालय के कनीय शिक्षक को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी राम सागर प्रसाद सिंह ने मखदुमपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय सेरथुआ का निरीक्षण किया तो इस मामले का पर्दाफाश हुआ। इतना ही नहीं विद्यालय में पदस्थापित आधे से अधिक शिक्षक गायब मिले। डीईओ ने बताया कि उस स्कूल में प्रभा कुमारी वरीय सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थापित हैं। इसके बाद भी वहां नियोजित प्रखंड शिक्षक राजीव रंजन को प्रभारी प्रधानाध्यापक बना दिया गया है। यह सरासर नियमानुकूल नहीं है।
डीईओ के निरीक्षण में सेरथुआ मध्य विद्यालय से कई शिक्षक मिले गायब
उन्होंने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को जिले के वैसे प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की पहचान कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिस विद्यालय में कनीय शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर काबिज हैं। जानकारी के अनुसार जिले के कई माध्यमिक विद्यालय एवं प्रारंभिक विद्यालयों में वरीय शिक्षक रहते हुए भी कनीय शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक बने हुए हैं। जो नियमाकुल नहीं है। डीईओ ने जारी अपने आदेश में कहा है कि ऐसे भी कई विद्यालय हैं जहां नियमित शिक्षक के रहते विद्यालय में नियोजित शिक्षक प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। डीईओ ने सभी बीईओ को विद्यालयवार प्रधानों की सूची के साथ उस विद्यालय के वरीय शिक्षक कौन हैं जो प्रभारी पद की अहर्ता रखते हैं। उसकी पूरी रिपोर्ट मांगी है। किसी विद्यालय में वरीय शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा असहमति दी जाती है तो वरीय शिक्षक के मूल सेवा पुस्तिका में यह अंकित करने का निर्देश दिया कि वे प्रभारी प्रधानाध्यापक के लिए अक्षम हैं।