जमुई। शिक्षक नियोजन घोटाले में निगरानी द्वारा बीते पांच वर्षों से कागजात मांगे जा रहे हैं, परंतु खैरा प्रखंड के 22 पंचायत सहित 23 नियोजन इकाईयों द्वारा अब तक सभी शिक्षकों का कागजात निगरानी को नहीं सौंपे गए हैं। जिस कारण जांच अधूरी है।
खैरा प्रखंड की 23 नियोजन इकाइयों द्वारा 878 शिक्षकों की बहाली की गई थी। जिसमें से 382 शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को अब तक उपलब्ध कराया गया है, शेष 496 शिक्षकों के कागजात का अता पता नहीं लग पाया है। जिस कारण नियुक्त 496 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। आश्चर्य वाली बात यह है कि 2016 से ही कागजात शिक्षा विभाग नियोजन इकाई तथा पुलिस द्वारा ढूंढा जा रहा है, परंतु चार वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक कागजात नहीं मिले हैं। निगरानी द्वारा बार-बार कागजात मांगे जाने के उपरांत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी खैरा ने 2016 में प्रखंड के सभी नियोजन इकाईयों पर खैरा थाने में मामला दर्ज कराया था। बावजूद अब तक एक भी शिक्षक का कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया है।
सभी पंचायत सचिवों के विरुद्ध दर्ज है केस
नियोजन इकाई द्वारा शिक्षकों से संबंधित कागजात के फोल्डर शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराए जाने के बाद तात्कालिक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश्वर शर्मा ने विभागीय निर्देश के आलोक में खैरा प्रखंड के सभी पंचायत सचिवों के विरुद्ध 5 मार्च 2016 को खैरा थाना में केस दर्ज कराया गया था। मामला दर्ज कराने के चार वर्षों बाद भी न तो पुलिस नियोजित शिक्षकों का फोल्डर खोज पाई है और न ही पंचायत सचिव ही। ऐसे में 496 शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकना लाजिमी है।
--
अप्राप्त फोल्डर का पंचायतवार आंकड़ा
नियोजन इकाई --अप्राप्त फोल्डर
खैरा पंचायत ------26
गोपालपुर--------29
रायपुरा--------11
भिमाईन --------14
गरही----------29
विशनपुर--------24
गोली ---------28
हरखार--------11
अरुणमांबाक-----32
दाबिल --------13
बानपुर --------02
जीतझिगोई-------13
मांगोबंदर --------37
चुआं------------31
बेला -----------10
खड़ाईच---------13
हरणी----------16
केन्डीह---------34
अमारी----------35
नीमनवादा-------06
कागेश्वर--------40
झुंडों-----------33