मुजफ्फरनगर। जनपद में शिक्षकों ने कचहरी परिसर स्थित
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए एक ज्ञापन जिला प्रशासन को
सौंपा। जिसमें उन्होंने जिलाधिकारी से इच्छा मृत्यु की मांग की है।
दरअसल, सोमवार को जनपद मुजफ्फरनगर के विभिन्न मदरसों में शिक्षण कार्य कराने वाले अध्यापको ने इकठ्ठा होकर जिला कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
मदरसा शिक्षकों का कहना है कि भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा संचालित मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना चलाई गई थी। जिसमें हम लोग 10-10 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। अब इस योजना में हम लोगों को 72 माह से केंद्र सरकार ने मानदेय नहीं दिया है। हम लोग कर्ज लेकर भुखमरी की कगार पर पहुँच गए हैं। इसलिए हमारे घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही दयनीय है।
जिन लोगों से कर्ज लिया गया है वह भी हमें प्रताड़ित करते रहते हैं। साथ ही ये भी कहते है कि आप कैसे आधुनिक अध्यापक हो जिनको सैलरी मानदेय नहीं मिलता है। इसलिए हम परिवार सहित आत्महत्या करना चाहते हैं। हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें, एक सप्ताह में मंजूरी दीजिए अन्यथा हमें मजबूर होकर कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार की होगी।
दरअसल, सोमवार को जनपद मुजफ्फरनगर के विभिन्न मदरसों में शिक्षण कार्य कराने वाले अध्यापको ने इकठ्ठा होकर जिला कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
मदरसा शिक्षकों का कहना है कि भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा संचालित मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना चलाई गई थी। जिसमें हम लोग 10-10 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। अब इस योजना में हम लोगों को 72 माह से केंद्र सरकार ने मानदेय नहीं दिया है। हम लोग कर्ज लेकर भुखमरी की कगार पर पहुँच गए हैं। इसलिए हमारे घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही दयनीय है।
जिन लोगों से कर्ज लिया गया है वह भी हमें प्रताड़ित करते रहते हैं। साथ ही ये भी कहते है कि आप कैसे आधुनिक अध्यापक हो जिनको सैलरी मानदेय नहीं मिलता है। इसलिए हम परिवार सहित आत्महत्या करना चाहते हैं। हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें, एक सप्ताह में मंजूरी दीजिए अन्यथा हमें मजबूर होकर कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार की होगी।