लखीसराय। नियुक्ति काल से ही नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दिया जा
रहा है। गत वर्ष के अक्टूबर से दिसंबर तक का वेतन भुगतान अब भी लंबित है।
सरकार ने विभाग को इसके लिए राशि उपलब्ध करा दी है। लेकिन सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) और सामान्य कोटि के शिक्षकों को अलग-अलग वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। इससे विभागीय पदाधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं। बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल जिला इकाई लखीसराय के जिलाध्यक्ष बबलू कुमार ने इस पर कड़ा एतराज किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार की इस नई नीति का खामियाजा नियोजित शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य स्तरीय अधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्ति के बाद ही अब वेतन भुगतान हो पाएगा। ऐसे में शिक्षकों को वेतन के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। जिलाध्यक्ष ने सरकार की इस नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि बिहार सरकार के लिए नियोजित शिक्षकों को परेशान करना आम बात हो गई है।
सरकार ने विभाग को इसके लिए राशि उपलब्ध करा दी है। लेकिन सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) और सामान्य कोटि के शिक्षकों को अलग-अलग वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। इससे विभागीय पदाधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं। बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल जिला इकाई लखीसराय के जिलाध्यक्ष बबलू कुमार ने इस पर कड़ा एतराज किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार की इस नई नीति का खामियाजा नियोजित शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य स्तरीय अधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्ति के बाद ही अब वेतन भुगतान हो पाएगा। ऐसे में शिक्षकों को वेतन के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। जिलाध्यक्ष ने सरकार की इस नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि बिहार सरकार के लिए नियोजित शिक्षकों को परेशान करना आम बात हो गई है।