भागलपुर टीएमबीयू के प्रभारी कुलपति प्रो. लीला चंद्र साह के पीजी विभागों और
कॉलेजों के औचक निरीक्षण में शिक्षकों व कर्मचारियों के गायब मिलने से
कर्मियों तथा कॉलेज-पीजी विभाग प्रबंधन के बीच सेटिंग पर सवाल उठने लगा है।
जब अभी प्रभारी कुलपति के औचक निरीक्षण में शिक्षक और कर्मचारी बिना
अनुमति के गायब मिल रहे हैं तो इसका मतलब है कि ऐसा पहले भी होता रहा था।
लेकिन न तो कॉलेज प्रबंधन इसकी जानकारी विवि और राजभवन को देता था और न पीजी विभाग। सूत्रों ने बताया कि शिक्षक और कर्मचारी सुबह में बॉयोमीट्रिक हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं। शाम में दोबारा कॉलेज और पीजी विभाग पहुंचकर बायोमैट्रिक हाजिरी बनाकर चले जाते हैं। प्राचार्य और हेड ऐसे शिक्षकों और कर्मियों को टोकते हैं लेकिन कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पाते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि दो कॉलेजों को छोड़ शेष में प्रभारी प्राचार्य हैं आैर मूल रूप से इसी विवि के शिक्षक हैं। अन्य दो कॉलेजों में नियमित प्राचार्य हैं। इनमें से एक में इसी विवि के शिक्षक प्राचार्य हैं। लेकिन इन दोनों कॉलेजों में शिक्षक संघ सबसे मजबूत है। प्रभारी कुलपति न तीन दिन औचक निरीक्षण कर पांच शिक्षकों को गैर हाजिर पाया।
प्राचार्य व हेड ने कभी नहीं भेजी विवि व राजभवन को रिपोर्ट
राजभवन की तीन व्यवस्था, तीनों फेल : राजभवन ने शिक्षकों के लिए पांच घंटे ड्यूटी पर रहना अनिवार्य किया था। कुछ दिन तो शिक्षकों ने इसका पालन किया, उसके बाद ड्यूटी में कोताही होने लगी। तब राजभवन ने हाजिरी की रिपोर्ट प्रत्येक दिन रजिस्ट्रार को देने को कहा, जो कुछ दिन चला। अब राजभवन ने बॉयोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था बनाई है लेकिन तब भी शिक्षक गायब हो जाते हैं।
गायब मिले शिक्षकों को शोकॉज : प्रभारी कुलपति प्रो. लीला चंद्र साह ने गायब मिले शिक्षकों को शोकॉज किया है। इन शिक्षकों को बिना अनुमति के गायब रहने की वजह बताने को कहा है। प्रभारी कुलपति ने कहा है कि जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन न तो कॉलेज प्रबंधन इसकी जानकारी विवि और राजभवन को देता था और न पीजी विभाग। सूत्रों ने बताया कि शिक्षक और कर्मचारी सुबह में बॉयोमीट्रिक हाजिरी बनाकर गायब हो जाते हैं। शाम में दोबारा कॉलेज और पीजी विभाग पहुंचकर बायोमैट्रिक हाजिरी बनाकर चले जाते हैं। प्राचार्य और हेड ऐसे शिक्षकों और कर्मियों को टोकते हैं लेकिन कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पाते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि दो कॉलेजों को छोड़ शेष में प्रभारी प्राचार्य हैं आैर मूल रूप से इसी विवि के शिक्षक हैं। अन्य दो कॉलेजों में नियमित प्राचार्य हैं। इनमें से एक में इसी विवि के शिक्षक प्राचार्य हैं। लेकिन इन दोनों कॉलेजों में शिक्षक संघ सबसे मजबूत है। प्रभारी कुलपति न तीन दिन औचक निरीक्षण कर पांच शिक्षकों को गैर हाजिर पाया।
प्राचार्य व हेड ने कभी नहीं भेजी विवि व राजभवन को रिपोर्ट
राजभवन की तीन व्यवस्था, तीनों फेल : राजभवन ने शिक्षकों के लिए पांच घंटे ड्यूटी पर रहना अनिवार्य किया था। कुछ दिन तो शिक्षकों ने इसका पालन किया, उसके बाद ड्यूटी में कोताही होने लगी। तब राजभवन ने हाजिरी की रिपोर्ट प्रत्येक दिन रजिस्ट्रार को देने को कहा, जो कुछ दिन चला। अब राजभवन ने बॉयोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था बनाई है लेकिन तब भी शिक्षक गायब हो जाते हैं।
गायब मिले शिक्षकों को शोकॉज : प्रभारी कुलपति प्रो. लीला चंद्र साह ने गायब मिले शिक्षकों को शोकॉज किया है। इन शिक्षकों को बिना अनुमति के गायब रहने की वजह बताने को कहा है। प्रभारी कुलपति ने कहा है कि जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।