बक्सर । एक तरफ जहां नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेटों की जांच कर अवैध रूप
से बहाल शिक्षकों को सेवामुक्त करने की कार्रवाई पूरे प्रदेश में चल रही
है। वहीं, जिले के सदर प्रखंड शिक्षा कार्यालय से नियोजन से संबंधित
महत्वपूर्ण कागजातों की चोरी हो जाना अजीब लगता है।
सबसे बड़ी बात यह कि यह चोरी रविवार को ही हुई है। जबकि, इसकी एफआइआर बुधवार को दर्ज कराई गई। हालांकि, सदर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुषमा कुमारी ने बताया कि चोरी की जानकारी अगले दिन सोमवार को ही थाने को दे दी गई। थाने ने बुधवार को एफआइआर दर्ज की। बहरहाल, जो भी हो चोरी की इस घटना ने विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है, यह कहना गलत नहीं है। बताया जाता है चोरी की घटना के बाद से विभागीय अधिकारियों को कुछ कहते नहीं बन रहा है। लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि फर्जीबाड़ा पर पर्दा डालने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। इससे यह बात भी स्पष्ट होती है कि सदर प्रखंड में बहाल नियोजित शिक्षकों में फर्जी शिक्षकों की संख्या भी कम नहीं है। सबसे अहम यह कि उच्चाधिकारी के स्तर से बार-बार के निर्देश के बाद भी विभाग जांच क्यों नहीं कर रहा है। बताते चलें कि यहां बीआरसी भवन और बीईओ कार्यालय से वर्ष 2006, 2008 एवं 2012 के नियोजन की फाइलें गुम हुई हैं। यही नहीं मूल अंक प्रमाणपत्रों की भी चोरी हुई है। इसके अलावा वर्ष 2012 के कुछ शिक्षकों के टीईटी के मूल अंकपत्र, नियोजन बैठक पंजी, विभाग का कैमरा, अहिरौली और जासो पंचायत से संबंधित संचिका तथा लोकेश त्रिपाठी की संचिका गायब हुई है।
सबसे बड़ी बात यह कि यह चोरी रविवार को ही हुई है। जबकि, इसकी एफआइआर बुधवार को दर्ज कराई गई। हालांकि, सदर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुषमा कुमारी ने बताया कि चोरी की जानकारी अगले दिन सोमवार को ही थाने को दे दी गई। थाने ने बुधवार को एफआइआर दर्ज की। बहरहाल, जो भी हो चोरी की इस घटना ने विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है, यह कहना गलत नहीं है। बताया जाता है चोरी की घटना के बाद से विभागीय अधिकारियों को कुछ कहते नहीं बन रहा है। लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि फर्जीबाड़ा पर पर्दा डालने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। इससे यह बात भी स्पष्ट होती है कि सदर प्रखंड में बहाल नियोजित शिक्षकों में फर्जी शिक्षकों की संख्या भी कम नहीं है। सबसे अहम यह कि उच्चाधिकारी के स्तर से बार-बार के निर्देश के बाद भी विभाग जांच क्यों नहीं कर रहा है। बताते चलें कि यहां बीआरसी भवन और बीईओ कार्यालय से वर्ष 2006, 2008 एवं 2012 के नियोजन की फाइलें गुम हुई हैं। यही नहीं मूल अंक प्रमाणपत्रों की भी चोरी हुई है। इसके अलावा वर्ष 2012 के कुछ शिक्षकों के टीईटी के मूल अंकपत्र, नियोजन बैठक पंजी, विभाग का कैमरा, अहिरौली और जासो पंचायत से संबंधित संचिका तथा लोकेश त्रिपाठी की संचिका गायब हुई है।