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संसदीय चुनाव से पहले सरकार की सियासी धमक

बांका। सीएम नीतीश कुमार का सोनारी टू ककवारा विजिट निश्चित रूप से पूर्ण सरकारी कार्यक्रम था। इस दौरान सीएम ने किसी सभा को भी संबोधित नहीं किया। पर संसदीय चुनाव से ठीक पहले सरकार की बांका में धमक का लोग कई सियासी मायने निकाल रहे हैं।
कार्यक्रम को लेकर सीएम पिछले दिनों से जिला में चर्चा में है। अगले कुछ दिनों तक भी इसके यात्रा के मायने निकाले जाएंगे। खास कर मुख्यमंत्री बनने के बाद बांका विधानसभा क्षेत्र में उनका पहला दौरा हुआ। इसके पहले उनकी सभा भले हुई, पर गांव का दौरा नहीं हुआ था। इस कार्यक्रम में सबकी निगाहें पूर्व सांसद पुतुल कुमारी पर थी। पर भाजपा उपाध्यक्ष बांका में रह कर मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम से दूर रही। वह बांका से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में नीतीश कुमार से दूरी रखने पर लोग तरह-तरह का अर्थ निकालते रहे। वैसे जदयू के सभी तीन विधायक गिरिधारी यादव, मनीष कुमार व जनार्दन मांझी और दोनों विधान पार्षद जावेद इकबाल और मनोज यादव अपने नेता की अगुवाई में मौजूद रहे। इस बार भी वे स्थिति भांप संभलते हुए हेलीपैड के पास स्वागत के खड़े थे। स्वागत के बाद सभी भीड़ में खो गए। ककवारा हाईस्कूल में प्रवेश के बाद भी वे साथ नहीं थे। लेकिन, बाहर खड़े विधायकों को देख मुख्यमंत्री ने ही बुलवाया। सीएम के स्मार्ट क्लास में प्रवेश से कुछ विधायकों के अंदर प्रवेश के पहले ही गेट बंद हो गया। वे बाहर डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे। सीएम से नजदीकी दिखाने की उनकी कोशिशें बेकार गई। राजनेताओं में जदयू जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मंडल, भाजपा जिलाध्यक्ष विकास कुमार ¨सह, जदयू नेता रितेश चौधरी, मान ¨सह, जयंत कुशवाहा, ओमप्रकाश यादव आदि मौजूद थे।

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रातभर तैयारी में रहा विद्यालय परिवार :

आयोजन को लेकर कहवारा हाईस्कूल के सभी शिक्षक प्रधानाध्यापक सुजीत कुमार की अगुवाई में पिछले चार दिनों से व्यस्त रहा। गुरुवार को विद्यालय में रात भर तैयारी हुई। सभी शिक्षकों ने मुस्तैदी से कार्यक्रम को सफल बनाया।

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