पटना : शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने सरकारी स्कूलों के
शिक्षकों को चेतावनी दी है कि सिर्फ कागज पर हाजिरी बनाने से काम नहीं
चलेगा, स्कूलों में बच्चों को उन्हें पढ़ाना भी होगा. किसी को नौकरी सिर्फ
वेतन लेने के लिए नहीं दी जाती है.
शिक्षा मंत्री ने यह कड़ा फैसला जिलोंं से मिली उन शिकायतों पर लिया
है, जिसमें कहा गया है कि शिक्षक नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं, लेकिन
हाजिरी बना लेते हैं. शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग में सभी
क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक व जिला शिक्षा पदाधिकारी की बैठक में इसके
निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि स्कूलों का पहले नियमित रूप से निरीक्षण
होता था, लेकिन अब यह परंपरा लगभग खत्म हो गयी है.
सरकार इसे कड़े तरीके से लागू करेगी. स्कूलों का निरीक्षण किया जायेगा
और इसकी हर दिन रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी जायेगी. प्रधान सचिव की
अध्यक्षता में एक मॉनीटरिंग सेल गठित किया जायेगा. जांच में जिला व प्रखंड
स्तर के अधिकारियों को लगाया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में
नियमित क्लास नहीं हो पा रही है.
मध्याह्न भोजन के बाद स्कूलों में बच्चों की संख्या भी कम हो रही है.
इसे अधिकारियों ने भी स्वीकारा है. वे जिलावार बच्चों और शिक्षकों से संवाद
करेंगे. जिन स्कूलों का परफॉर्मेंस अच्छा होगा, उन्हें जहां पुरस्कृत किया
जायेगा. वहीं जिनका परफॉर्मेंस खराब होगा, उन पर कार्रवाई भी की जायेगी.
सरकार इस साल इंटरमीडिएट के जीरो रिजल्ट वाले शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों
पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. ऐस स्कूलों के 50 साल से ऊपर के शिक्षकों
को जबरन रिटायर्ड किया जायेगा. उनकी लिस्ट फाइनल की जा रही है.
मॉनीटरिंग सेल का होगा गठन
जहानाबाद से शुरू करेंगे छात्र-शिक्षक से संवाद : शिक्षा मंत्री ने
बताया कि स्वतंत्रता दिवस के बाद वे जिलावार छात्र-शिक्षक संवाद शुरू
करेंगे. वे इसकी शुरुआत अपने गृह जिले जहानाबाद से कर सकते हैं. इसमें
जिलों के सभी हाइस्कूलों की दो छात्रा, तीन छात्र, एक शिक्षक व
प्रधानाध्यापक मौजूद रहेंगे और माध्यमिक शिक्षा की समस्याओं व उसे ठीक करने
के लिए अपने सुझाव देंगे. स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई हो, बच्चे
रहें, यह सुनिश्चित करेंगे.
शिक्षक दिवस से पहले सेवा शर्त का मिल सकता है तोहफा : राज्य के 3.57
लाख नियोजित शिक्षकों को पांच सितंबर शिक्षक दिवस से पहले सेवा शर्त का
तोहफा मिल सकता है.
शिक्षा मंत्री ने इसका औपचारिक एलान तो नहीं किया, लेकिन विभाग के
सूत्रों की मानें तो शिक्षक संगठनों से इसके लिए सुझाव लिये जा चुके हैं.
अब उन सुझावों को सेवा शर्त को लेकर गठित कमेटी अपनी रिपोर्ट में शामिल कर
उसे सरकार को सौंपेगी. यह रिपोर्ट को विधेयक के रूप में बिहार विधानमंडल
के मॉनसून सत्र में लाये जाने की पूरी संभावना है.