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शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में मापदंड की होती है अनदेखी

नालंदा। शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की रूप रेखा अजीबो-गरीब है। कहीं शिक्षक की घोर कमी तो कहीं आवश्यकता से अधिक शिक्षक। इसी सिलसिले में दैनिक जागरण ने अपने अभियान के तहत करायपरशुराय प्रखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का कड़वा सत्य जानने निकला।
प्रखंड इलाके से सटे रेलवे स्टेशन व हॉल्ट के नजदीक के स्कूलों में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की भरमार है। वहीं प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके जहां आवागमन दुर्लभ रहता है। वहां के स्कूलों में बच्चों की अनुपात में शिक्षकों की काफी कमी देखी गई। जबकि शिक्षा विभाग का मानना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अधिकतम एक शिक्षक पर 30 विद्यार्थियों की जवाबदेही होती है। लेकिन जो आंकड़ा शिक्षा विभाग से मिली है उस पर यदि एक नजर डालें तो बड़ा ही अटपटा लगेगा। अब इसे शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की मनमानी कहें या फिर सिस्टम का दोष। कुल मिलाकर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। कुछ विद्यालयों में एक शिक्षक के जिम्मे सौ से अधिक विद्यार्थियों के पढ़ाने की जवाबदेही दे दी गई है। वहीं ऐसे विद्यालय भी है जहां एक शिक्षक के जिम्मे 18 से 20 विद्यार्थियों के पढ़ाने की जवाबदेही मात्र है। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में विद्यार्थियों व शिक्षक के बीच जो संतुलन होना चाहिए उसकी पूरी तरह अनदेखी की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि शिक्षा विभाग का शिक्षक प्रतिनियुक्ति के मामले में कोई मापदंड नहीं है।
कुछ स्कूलों का ब्योरा
विद्यालय का नाम विद्यार्थियों की संख्या शिक्षकों की संख्या शिक्षक के जिम्मे छात्र
उत्क्रमित मध्य स्कूल सलेमपुर बिन्सा 323 4 80
प्राथमिक स्कूल शीरहाता 145 1 145
प्राथमिक स्कूल इस्लामपुर 110 2 55
मध्य स्कूल करायपरशुराय 722 5 144
मध्य स्कूल मकदूमपुर 288 4 72
प्राथमिक स्कूल भोदीबिगहा 192 2 96
मध्य स्कूल डीरीपुर 366 5 73
एन.पी.एस. भवानीबिगहा 169 2 84
मध्य स्कूल संढ़ 411 5 82
प्राथमिक स्कूल ग्यासपुर 56 3 18
यू.एम. स्कूल मिल्की 202 9 22
प्राथमिक स्कूल अमट 99 4 24
प्राथमिक स्कूल गंगाबिगहा 95 4 23
कहते हैं शिक्षा पदाधिकारी
शिक्षक की नियुक्ति में पहले किसी ने शायद ध्यान नहीं दिया होगा। नहीं तो इतनी बड़ी खेल नहीं हो पाती। शिक्षा विभाग के संज्ञान में शिक्षक नियुक्ति का खेल आ गया है। अब इसमें व्यापक सुधार लाया जाएगा। वहीं इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा की विद्यार्थियों के अनुपात में किसी विद्यालय में शिक्षक रहें। इसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसको चरणबद्ध तरीके से दुरुस्त कर दिया जाएगा।
डॉ. विमल ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी
जागरण जो प्रखंडवार शिक्षक नियुक्ति की पोल खोल रहा है इससे स्कूलों के शिक्षकों व विद्यार्थियों की सही आंकलन प्रशासन कर पा रहा है। प्रखंड के नोडल पदाधिकारी जो जिले के वरीय पदाधिकारी है वे आने वाले दिनों में स्कूलों की जांच कर उसकी पूरी रिपोर्ट जिला मुख्यालय के प्रशासनिक विभाग को देंगे। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से शिक्षकों व छात्रों की अनुपात का रिपोर्ट बीइओ से हासिल करेंगे। दोनों रिपोर्ट के आधार में दोबारा शिक्षक व छात्र के बीच का संतुलन बनाने की कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. त्यागराजन एसएम, डीएम नालंदा

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