Patna : राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों की सेवाशर्त शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) के पूर्व तय होने की उम्मीद है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक 9 अगस्त को विभिन्न शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष संघों द्वारा सरकार द्वारा गठित सेवाशर्त गठन कमेटी के समक्ष राय रखे जाने के बाद अब जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
गौरतलब है कि शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 के तहत सरकारी विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2015 के प्रभाव से वेतनमान दिया था। इनके लिए सरकार ने नया वेतनमान तैयार किया।
हालांकि नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त गठन की मांग तब पूरी नहीं हुई और इसके लिए सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने 11 अगस्त 2015 को वित्तविभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। कमेटी को तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा गया पर अब दो साल गुजर चुके हैं।
इस दौरान लगातार शिक्षक संगठन शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव समेत सभी आलाधिकारियों से शीघ्र सेवाशर्त घोषित करने की मांग करते रहे। इसको लेकर कई बार आश्वासन और डेडलाइन भी दिये गये जो बीत चुके हैं।
अब जाकर अगले माह तक इसके अंतिम आकार लेने की संभावना है। शिक्षा विभाग ने पहले ही सेवाशर्त का एक प्रारूप कमेटी के समक्ष रख दिया है। अब शिक्षक संघों की राय भी कमेटी को मिल गयी है। उम्मीद है इन्हें समेकित कर अब कमेटी अपनी अनुशंसा 5 सितम्बर के पहले करेगी।
हालांकि शिक्षक संघों की कितनी और क्या-क्या मांगें पूरी होंगी यह तो बाद में पता चलेगा, पर अभी भी सेवाशर्त कमेटी के प्रस्ताव को कई चरणों से गुजरना होगा। राज्य मंत्रिमंडल की भी इसपर स्वीकृति ली जाएगी।
विश्वस्त सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक 9 अगस्त को विभिन्न शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष संघों द्वारा सरकार द्वारा गठित सेवाशर्त गठन कमेटी के समक्ष राय रखे जाने के बाद अब जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
गौरतलब है कि शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 के तहत सरकारी विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2015 के प्रभाव से वेतनमान दिया था। इनके लिए सरकार ने नया वेतनमान तैयार किया।
हालांकि नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त गठन की मांग तब पूरी नहीं हुई और इसके लिए सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने 11 अगस्त 2015 को वित्तविभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। कमेटी को तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा गया पर अब दो साल गुजर चुके हैं।
इस दौरान लगातार शिक्षक संगठन शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव समेत सभी आलाधिकारियों से शीघ्र सेवाशर्त घोषित करने की मांग करते रहे। इसको लेकर कई बार आश्वासन और डेडलाइन भी दिये गये जो बीत चुके हैं।
अब जाकर अगले माह तक इसके अंतिम आकार लेने की संभावना है। शिक्षा विभाग ने पहले ही सेवाशर्त का एक प्रारूप कमेटी के समक्ष रख दिया है। अब शिक्षक संघों की राय भी कमेटी को मिल गयी है। उम्मीद है इन्हें समेकित कर अब कमेटी अपनी अनुशंसा 5 सितम्बर के पहले करेगी।
हालांकि शिक्षक संघों की कितनी और क्या-क्या मांगें पूरी होंगी यह तो बाद में पता चलेगा, पर अभी भी सेवाशर्त कमेटी के प्रस्ताव को कई चरणों से गुजरना होगा। राज्य मंत्रिमंडल की भी इसपर स्वीकृति ली जाएगी।