नमस्कार मित्रों【TSUNSS】
हमलोग कुछ ज्यादा ही क्रियाशील हो गए हैं।सरकार की नाकामियों पर ज्यादा ही प्रतिक्रिया दे रहे हैं।12 वीं का रिजल्ट हो या फिर सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट।
दोनों बातें हम शिक्षकों को कुछ ज्यादा ही कुप्रभावित कर रही है।कोसना भी चाहिए।हमलोगों का गुस्सा सरकार के प्रति है।लेकिन सोचिये, विद्यार्थियों का गुस्सा सरकार और हम शिक्षकों -दोनों के प्रति है।सरकार का वश चलता तो सारी जिम्मेवारी हम शिक्षकों पर ही डाल देती।यह था रिजल्ट की बात।
अब आते हैं सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर।G S कंगाल महोदय सरकार के निर्देश पर काम कर रहे थे।वे हम शिक्षकों के नौकर ना होकर सरकार के नौकर थे।यह राज्यकर्मियों के लिए था।क्या हमें सरकार ने राज्य कर्मी का दर्जा दिया है।नहीं,तो कंगाल जी से आशा कैसा।
सांप गुजर गई है,लाठी पीटने से क्या फायदा।दोनों भूतकाल की बातें हो चुकी है।
इस विपरीत परिस्थिति में हमलोग की क्या रणनीति हो?संगठित होने का प्रयास।चुनावी वर्ष से पूर्व प्रखंड इकाई का गठन।
कहीं फिर हमलोग LOOSER ही ना रह जाएं,शक्ति के अभाव में।
धीरेन्द्र प्रताप
TSUNSS
हमलोग कुछ ज्यादा ही क्रियाशील हो गए हैं।सरकार की नाकामियों पर ज्यादा ही प्रतिक्रिया दे रहे हैं।12 वीं का रिजल्ट हो या फिर सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट।
दोनों बातें हम शिक्षकों को कुछ ज्यादा ही कुप्रभावित कर रही है।कोसना भी चाहिए।हमलोगों का गुस्सा सरकार के प्रति है।लेकिन सोचिये, विद्यार्थियों का गुस्सा सरकार और हम शिक्षकों -दोनों के प्रति है।सरकार का वश चलता तो सारी जिम्मेवारी हम शिक्षकों पर ही डाल देती।यह था रिजल्ट की बात।
अब आते हैं सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर।G S कंगाल महोदय सरकार के निर्देश पर काम कर रहे थे।वे हम शिक्षकों के नौकर ना होकर सरकार के नौकर थे।यह राज्यकर्मियों के लिए था।क्या हमें सरकार ने राज्य कर्मी का दर्जा दिया है।नहीं,तो कंगाल जी से आशा कैसा।
सांप गुजर गई है,लाठी पीटने से क्या फायदा।दोनों भूतकाल की बातें हो चुकी है।
इस विपरीत परिस्थिति में हमलोग की क्या रणनीति हो?संगठित होने का प्रयास।चुनावी वर्ष से पूर्व प्रखंड इकाई का गठन।
कहीं फिर हमलोग LOOSER ही ना रह जाएं,शक्ति के अभाव में।
धीरेन्द्र प्रताप
TSUNSS