लखीसराय। लखीसराय शिक्षा विभाग को पहली बार महिला जिला शिक्षा पदाधिकारी के
रूप में सुनयना कुमारी का पदस्थापन हुआ है। जिले के 12वें डीईओ के रूप में
वह शिक्षा विभाग की टीम लीडर होगी।
जिनके समक्ष जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था, शिक्षक संघों की आपसी राजनीति एवं शिक्षा पदाधिकारियों पर नियंत्रण करने जैसे कई समस्याओं की बड़ी चुनौती होगी। जिलाधिकारी द्वारा जिले के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सुधार एवं नदी-जलाशय को गोद लेकर शिक्षक व छात्र मिलकर स्वच्छता कार्यक्रम चलाने की दी गई नई जिम्मेदारी भी होगी। चानन प्रखंड के प्लस टू विद्यालय मननपुर में प्रधानाध्यापक पद को लेकर शिक्षक डॉ. संजय कुमार एवं राजीव कुमार के बीच एक वर्ष से चल रहे विवाद एवं प्लस टू उच्च विद्यालय परसावां में विद्यालय के दो शिक्षक मांडवी कुमारी एवं अरूण कुमार को पूर्व के डीईओ द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाए जाने को लेकर विद्यालय में व्याप्त अराजक माहौल को दूर करना नए डीईओ की अग्नि परीक्षा होगी। मुख्यालय स्थित केआरके हाई स्कूल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा दिए गए तीन माह के अंदर अनुपालन कराने की बड़ी जिम्मेदारी भी सामने होगी। विगत डेढ़ वर्षों में जिले में पदस्थापित शिक्षा पदाधिकारियों के बीच तालमेल का घोर अभाव एवं डीईओ के बिना जानकारी के डीपीओ द्वारा संचिका निष्पादन करने जैसी आंतरिक समस्या को भी दूर करने की चुनौती होगी। जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम को लेकर मचे बवाल व प्रधानाध्यापकों द्वारा बहिष्कार का मामला अब भी विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है। वर्ष 2018 में मैट्रिक परीक्षा में बाहरी छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराने से रोक पाने की बड़ी चुनौती डीईओ के सामने होगी। नए डीईओ से जिले के करीब चार हजार शिक्षकों को बदलाव की उम्मीद है।
जिनके समक्ष जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था, शिक्षक संघों की आपसी राजनीति एवं शिक्षा पदाधिकारियों पर नियंत्रण करने जैसे कई समस्याओं की बड़ी चुनौती होगी। जिलाधिकारी द्वारा जिले के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सुधार एवं नदी-जलाशय को गोद लेकर शिक्षक व छात्र मिलकर स्वच्छता कार्यक्रम चलाने की दी गई नई जिम्मेदारी भी होगी। चानन प्रखंड के प्लस टू विद्यालय मननपुर में प्रधानाध्यापक पद को लेकर शिक्षक डॉ. संजय कुमार एवं राजीव कुमार के बीच एक वर्ष से चल रहे विवाद एवं प्लस टू उच्च विद्यालय परसावां में विद्यालय के दो शिक्षक मांडवी कुमारी एवं अरूण कुमार को पूर्व के डीईओ द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाए जाने को लेकर विद्यालय में व्याप्त अराजक माहौल को दूर करना नए डीईओ की अग्नि परीक्षा होगी। मुख्यालय स्थित केआरके हाई स्कूल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा दिए गए तीन माह के अंदर अनुपालन कराने की बड़ी जिम्मेदारी भी सामने होगी। विगत डेढ़ वर्षों में जिले में पदस्थापित शिक्षा पदाधिकारियों के बीच तालमेल का घोर अभाव एवं डीईओ के बिना जानकारी के डीपीओ द्वारा संचिका निष्पादन करने जैसी आंतरिक समस्या को भी दूर करने की चुनौती होगी। जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम को लेकर मचे बवाल व प्रधानाध्यापकों द्वारा बहिष्कार का मामला अब भी विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है। वर्ष 2018 में मैट्रिक परीक्षा में बाहरी छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराने से रोक पाने की बड़ी चुनौती डीईओ के सामने होगी। नए डीईओ से जिले के करीब चार हजार शिक्षकों को बदलाव की उम्मीद है।