पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के नियोजित और मदरसा शिक्षकों के वेतन के लिए 2790 करोड़ की स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 14 मामलों पर सहमति बनी।
बैठक के बाद कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग के अहम फैसले के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य के 1119 मदरसों और 9 बालिका मदरसों के कार्यरत शिक्षकों के वेटनमद में 2 अरब रुपये की स्वीकृति दी गई है।
साथ ही राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में शिक्षकों को लेकर 2017-18 में वेतन भुगतान को लेकर 13 अरब 77 करोड़ और माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद व नगर निकायों में नियोजित शिक्षकों को लेकर भी 11 अरब 67 करोड़ 71 लाख छह हजार सात सौ 35 की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि बिहार कैबिनेट ने जल संसाधन विभाग क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग संसोधन नियमावली 2017 को स्वीकृति दी है। वहीं, राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत जन वितरण प्रणाली का निष्पक्ष ऑडिट को लेकर सोशल ऑडिट सोसाइटी ऑडिट की स्वीकृति भी दिया गया है।
इसके अलावे बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नियुक्ति को लेकर मापदंड में कई तरह के संसोधन किये गए हैं। वहीं, भूमि राजस्व विभाग के अंतर्गत डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स प्रोग्राम के तहत राज्य के सभी अंचलों के जमावन्दी पंजियों का स्कैनिंग, डिजिटल आदि संरक्षण की स्वीकृति भी दी गयी है।
बैठक के बाद कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग के अहम फैसले के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य के 1119 मदरसों और 9 बालिका मदरसों के कार्यरत शिक्षकों के वेटनमद में 2 अरब रुपये की स्वीकृति दी गई है।
साथ ही राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में शिक्षकों को लेकर 2017-18 में वेतन भुगतान को लेकर 13 अरब 77 करोड़ और माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद व नगर निकायों में नियोजित शिक्षकों को लेकर भी 11 अरब 67 करोड़ 71 लाख छह हजार सात सौ 35 की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि बिहार कैबिनेट ने जल संसाधन विभाग क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग संसोधन नियमावली 2017 को स्वीकृति दी है। वहीं, राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत जन वितरण प्रणाली का निष्पक्ष ऑडिट को लेकर सोशल ऑडिट सोसाइटी ऑडिट की स्वीकृति भी दिया गया है।
इसके अलावे बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नियुक्ति को लेकर मापदंड में कई तरह के संसोधन किये गए हैं। वहीं, भूमि राजस्व विभाग के अंतर्गत डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स प्रोग्राम के तहत राज्य के सभी अंचलों के जमावन्दी पंजियों का स्कैनिंग, डिजिटल आदि संरक्षण की स्वीकृति भी दी गयी है।