PATNA : स्मार्ट सिटी पटना में नगर निगम क्षेत्र के सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने की तैयारी है। पहले चरण में गांधी मैदान और आसपास के लगभग 20 स्कूलों को स्मार्ट बनाया जाएगा।
इनमें बड़े प्राइवेट स्कूलों की तरह स्मार्ट क्लासेज चलेंगी और डिजिटल पढ़ाई होगी। मिशन स्मार्ट सिटी के तहत इन स्कूलों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इसके लिए निगम की अथवा स्कूलों की कोई राशि खर्च नहीं होगी। पीपीपी मोड पर एक निजी संस्था यह काम करेगी।
नि:शुल्क डिजिटलाइजेशन के लिए प्रगति नामक संस्था ने प्रस्ताव दिया है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत संस्था ने मिशन स्मार्ट सिटी में सहयोग के तहत यह प्रस्ताव दिया है। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के लिए निगम के प्रस्ताव में गांधी मैदान से लेकर रेलवे स्टेशन, आर ब्लॉक, इनकम टैक्स से होते हुए मंदिरी और गोलघर तक के इलाके को शामिल किया गया है। इस इलाके में लगभग 20 सरकारी स्कूल हैं।
स्टेशन के पास बनेगा अंडरग्राउंड पार्किंग स्टेशन के सामने शहर का पहला अंडरग्राउंड बस स्टैंड और टेंपो स्टैंड बनेगा। इसके तीन ऊपरी फ्लोर पर मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स बसाया जाएगा। स्टेशन के आसपास के फुटपाथ दुकानदारों के लिए मल्टी लेवल वेंडिग जोन बनेगा। फ्लाई ओवर के नीचे सुनियोजित बाजार विकसित किया जाएगा। स्टेशन से सबवे पाथ से इसे जोड़ा जाएगा। स्टेशन आनेवाले व्यक्ति बिना बाहर आए अंडरग्राउंड पथ से ही बाजार, वें¨डग जोन अथवा मल्टीलेवल अंडरग्राउंड पार्किंग पहुंच जाएंगे। वहां से ऑटो अथवा बस पकड़ सकते हैं।
बस स्टैंड सीधे निर्माणाधीन फ्लाईओवर से जुड़ा रहेगा। फ्लाईओवर से गांधी मैदान, जीपीओ या कंकड़बाग की ओर सीधे जा सकेंगे। स्मार्ट सिटी के लिए बने कॉन्सेप्ट ड्राफ्ट प्लान में इस प्रस्ताव को प्रमुखता से शामिल किया गया है। रिवरफ्रंट से जुड़ेगा एक और रास्ता : एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत बननेवाला रिवरफ्रंट डेवलपमेंट को एक और रास्ते से जुड़ेगा। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट से सटा यह रास्ता कंक्रीट का नहीं होगा।
इसके दोनों तरफ हरियाली होगी और इसका इस्तेमाल जॉ¨गग ट्रैक के रूप में होगा। अभी सिर्फ कलेक्ट्रेट और अंटा घाट से ही रिवरफ्रंट तक पहुंचने का रास्ता है। रिवरफ्रंट के सभी घाटों को स्मार्ट लुक दिया जाएगा। कलेक्ट्रेट से कालीघाट के बीच दो किलोमीटर लंबे रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के किनारे कैफे और लोगों के मनोरंजन के साधन भी होंगे।
इनमें बड़े प्राइवेट स्कूलों की तरह स्मार्ट क्लासेज चलेंगी और डिजिटल पढ़ाई होगी। मिशन स्मार्ट सिटी के तहत इन स्कूलों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इसके लिए निगम की अथवा स्कूलों की कोई राशि खर्च नहीं होगी। पीपीपी मोड पर एक निजी संस्था यह काम करेगी।
नि:शुल्क डिजिटलाइजेशन के लिए प्रगति नामक संस्था ने प्रस्ताव दिया है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत संस्था ने मिशन स्मार्ट सिटी में सहयोग के तहत यह प्रस्ताव दिया है। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के लिए निगम के प्रस्ताव में गांधी मैदान से लेकर रेलवे स्टेशन, आर ब्लॉक, इनकम टैक्स से होते हुए मंदिरी और गोलघर तक के इलाके को शामिल किया गया है। इस इलाके में लगभग 20 सरकारी स्कूल हैं।
स्टेशन के पास बनेगा अंडरग्राउंड पार्किंग स्टेशन के सामने शहर का पहला अंडरग्राउंड बस स्टैंड और टेंपो स्टैंड बनेगा। इसके तीन ऊपरी फ्लोर पर मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स बसाया जाएगा। स्टेशन के आसपास के फुटपाथ दुकानदारों के लिए मल्टी लेवल वेंडिग जोन बनेगा। फ्लाई ओवर के नीचे सुनियोजित बाजार विकसित किया जाएगा। स्टेशन से सबवे पाथ से इसे जोड़ा जाएगा। स्टेशन आनेवाले व्यक्ति बिना बाहर आए अंडरग्राउंड पथ से ही बाजार, वें¨डग जोन अथवा मल्टीलेवल अंडरग्राउंड पार्किंग पहुंच जाएंगे। वहां से ऑटो अथवा बस पकड़ सकते हैं।
बस स्टैंड सीधे निर्माणाधीन फ्लाईओवर से जुड़ा रहेगा। फ्लाईओवर से गांधी मैदान, जीपीओ या कंकड़बाग की ओर सीधे जा सकेंगे। स्मार्ट सिटी के लिए बने कॉन्सेप्ट ड्राफ्ट प्लान में इस प्रस्ताव को प्रमुखता से शामिल किया गया है। रिवरफ्रंट से जुड़ेगा एक और रास्ता : एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत बननेवाला रिवरफ्रंट डेवलपमेंट को एक और रास्ते से जुड़ेगा। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट से सटा यह रास्ता कंक्रीट का नहीं होगा।
इसके दोनों तरफ हरियाली होगी और इसका इस्तेमाल जॉ¨गग ट्रैक के रूप में होगा। अभी सिर्फ कलेक्ट्रेट और अंटा घाट से ही रिवरफ्रंट तक पहुंचने का रास्ता है। रिवरफ्रंट के सभी घाटों को स्मार्ट लुक दिया जाएगा। कलेक्ट्रेट से कालीघाट के बीच दो किलोमीटर लंबे रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के किनारे कैफे और लोगों के मनोरंजन के साधन भी होंगे।