मुंगेर। अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के वरीय नेता नवलकिशोर प्रसाद
¨सह ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा 15 महीने बाद सातवें वेतन आयोग की
सिफारिश के अनुसार वेतन भुगतान किए जाने की घोषणा राज्यकर्मियों के साथ
धोखा है।
क्योंकि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को जनवरी 2016 से ही सातवें वेतनमान को लागू कर बकाया वेतन का भुगतान कर चुकी है। परंतु बिहार सरकार अपने वायदे से मुकर गई तथा 15 महीने के एरियर को समाप्त कर अब पहली अप्रैल 2017 से सातवें वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान किए जाने की बात कह रही है। यह आदेश राज्य कर्मियों के जले पर नमक छिड़कने के जैसा है। इसके सरकार के इस निर्णय से राज्य के 8 लाख शिक्षक, कर्मचारी तथा पदाधिकारियों के आक्रोश पनप रहा है। इसको लेकर शिक्षक नेता ने मुख्यमंत्री को त्राहिमाम पत्र भी लिखा।
क्योंकि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को जनवरी 2016 से ही सातवें वेतनमान को लागू कर बकाया वेतन का भुगतान कर चुकी है। परंतु बिहार सरकार अपने वायदे से मुकर गई तथा 15 महीने के एरियर को समाप्त कर अब पहली अप्रैल 2017 से सातवें वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान किए जाने की बात कह रही है। यह आदेश राज्य कर्मियों के जले पर नमक छिड़कने के जैसा है। इसके सरकार के इस निर्णय से राज्य के 8 लाख शिक्षक, कर्मचारी तथा पदाधिकारियों के आक्रोश पनप रहा है। इसको लेकर शिक्षक नेता ने मुख्यमंत्री को त्राहिमाम पत्र भी लिखा।