कटिहार। समान काम के लिए समान वेतन व राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग को
लेकर नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित
हो रहा है। बताते चलें कि बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ द्वारा मांगों
के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है।
इसमें कई शिक्षक संगठन शामिल हैं। जबकि कई संगठन आंदोलन से अपने को अलग रखा है। इस कारण विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति भी प्रभावित हुई है। यद्यपि कई शिक्षक विद्यालय में उपस्थित होकर अपने दायित्व का निर्वहन कर मध्याह्न भोजन एवं विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। लेकिन इससे शिक्षक के हड़ताल में रहने अथवा नहीं रहने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इस कारण विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी लगातार कम होती जा रही है। बताते चलें कि इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक सप्ताह पूर्व ही सभी बीईओ को विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण कर हड़ताल में सम्मिलित शिक्षकों की नियोजन इकाईवार रिपोर्ट मांगी थी। हड़ताल में रहने वाले शिक्षकों की उपिस्थिति पंजी में हड़ताल अंकित करने का निर्देश दिया था। साथ ही हड़ताल से अलग रहने वाले शिक्षकों को पठन-पाठन में व्यवधान करने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई का भी निर्देश दिया था। लेकिन स्थिति में अनुकूल सुधार नहीं हो पाया है। कई शिक्षक हड़ताल का समर्थन भी कर रहे हैं और विद्यालय में उपस्थिति भी दर्ज कर रहे हैं। ऐसे में विद्यालय संचालन को लेकर अभिभावक व बच्चों में भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है और बच्चों का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है।
इसमें कई शिक्षक संगठन शामिल हैं। जबकि कई संगठन आंदोलन से अपने को अलग रखा है। इस कारण विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति भी प्रभावित हुई है। यद्यपि कई शिक्षक विद्यालय में उपस्थित होकर अपने दायित्व का निर्वहन कर मध्याह्न भोजन एवं विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। लेकिन इससे शिक्षक के हड़ताल में रहने अथवा नहीं रहने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इस कारण विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी लगातार कम होती जा रही है। बताते चलें कि इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक सप्ताह पूर्व ही सभी बीईओ को विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण कर हड़ताल में सम्मिलित शिक्षकों की नियोजन इकाईवार रिपोर्ट मांगी थी। हड़ताल में रहने वाले शिक्षकों की उपिस्थिति पंजी में हड़ताल अंकित करने का निर्देश दिया था। साथ ही हड़ताल से अलग रहने वाले शिक्षकों को पठन-पाठन में व्यवधान करने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई का भी निर्देश दिया था। लेकिन स्थिति में अनुकूल सुधार नहीं हो पाया है। कई शिक्षक हड़ताल का समर्थन भी कर रहे हैं और विद्यालय में उपस्थिति भी दर्ज कर रहे हैं। ऐसे में विद्यालय संचालन को लेकर अभिभावक व बच्चों में भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है और बच्चों का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है।