ऐच्छिक या पारस्परिक स्थानांतरण का मिल सकेगा लाभ
पटना : राज्य के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त 30 जून तक तैयार हो
जायेगी. सेवा शर्त निर्धारण से पहले माध्यमिक शिक्षक संघ और नियोजित शिक्षक
संघों से शिक्षा विभाग बातचीत करेगा अौर अंतिम निर्णय लेगा. शिक्षा मंत्री
डॉ अशोक चौधरी ने इसके संकेत दिये हैं.
शिक्षक संगठनों से वार्ता में सामने आने वाले तथ्यों को सेवा शर्त
तैयार करने के लिए गठित कमेटी के सामने रखा जायेगा और उसी आधार पर कमेटी
अंतिम रूप से नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का निर्धारण करेगी. विभागीय
सूत्रों की मानें तो सेवा शर्त नियमावली में ऐच्छिक स्थानांतरण, शिक्षकों
का ग्रुप बीमा व इपीएफ का भी लाभ करीब तीन लाख 60 हजार नियोजित शिक्षकों को
मिल सकेगा.
शिक्षा मंत्री ने दिये संकेत, मई में शिक्षक संगठनों से भी ली जायेगी राय
जुलाई 2015 से नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने के बाद से ही उनकी
सेवा शर्त निर्धारण की मांग उठ रही है. सरकार ने अगस्त, 2015 में ही एक
कमेटी का गठन कर दिया था, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आ सकी है. राज्य के
शिक्षक संगठन व नियोजित शिक्षक अलग वेतनमान होने के कारण जहां समान काम के
लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं, वहीं सेवा शर्त में भी पुराने वेतनमान
वाले शिक्षकों के तर्ज पर सेवा शर्त की भी मांग की जा रही है. सूत्रों की
मानें तो नियोजित शिक्षकों की अब तक कोई सेवा शर्त नहीं है.
वे नियोजित इकाई स्तर पर बहाल किये जाते हैं. इस वजह से उनका तबादला
भी नियोजन इकाई के अंदर वाले स्कूलों में ही हो पाता है. ऐसे में नयी सेवा
शर्त नियमावली में नियोजित शिक्षकों को सेवा काल में एक बार या अधिकतम दो
बार एेच्छिक या पारस्परिक स्थानांतरण का लाभ दिया जा सकता है. इसके अलावा
शिक्षकों का ग्रुप बीमा भी हो सकेगा. साथ ही अब तक पेंशन का कोई प्रावधान
नियोजित शिक्षकों के लिए नहीं है. सरकार प्राइवेट कंपनियों के तर्ज पर
इपीएफ के रूप में शिक्षकों को पेंशन योजना का लाभ दे सकती है.
वर्तमान में यूटीआइ के माध्यम से नियोजित शिक्षक पेंशन के लिए अपनी
मरजी से राशि कटा सकते हैं, लेकिन सरकार उसमें कोई राशि नहीं देती है.
ये हो सकते हैं लाभ
सेवाकाल में एक या दो बार ऐच्छिक व पारस्परिक स्थानांतरण का लाभ
इपीएफ, पेंशन स्कीम से जोड़े जा सकेंगे नियोजित शिक्षक
शिक्षकों का हो सकेगा ग्रुप बीमा