सहरसा। समान काम का समान वेतन, उम्र सीमा 65 वर्ष करने, सेवा सामंजन समेत
अन्य मांगों के समर्थन में 15 मार्च से वित्त रहित शिक्षकों का मूल्यांकन
बहिष्कार सोमवार को 27 वें दिन भी जारी रहा। धरना में विधायक अरूण कुमार व
पूर्व विधायक संजीव कुमार झा ने भाग लिया। संबोधित करते हुए विधायक अरूण
कुमार ने कहा कि वित्त रहित शिक्षकों की मांगे जायज है।
हमलोग भी मुख्यमंत्री पर आपकी मांगों को पूरा करने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर सरकार कोई ठोस निर्णय लेगी। पूर्व विधायक संजीव कुमार झा ने कहा कि इस मांग को सड़क से लेकर सदन तक उठाकर भाजपा संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है। प्रो. हरिनारायण यादव के मंच संचालन में धरना को संबोधित करते हुए प्रो. राकेश कुमार ने कहा कि विगत तीस वर्षों से बिना वेतन के काम कर रहे शिक्षकों की स्थिति बेहद ही ¨चताजनक हो गई है। घोषणापत्र में सरकार ने वेतनमान देने की की बात कही थी जो अब अनुदान पर अटक गया। अनुदान भी वर्ष 2011 के बाद शिक्षकों को नहीं मिल पाया है। धरना को रंजीत प्रसाद ¨सह, प्रो. दिलीप मिश्र, प्रो. शिलानंद ¨सह, प्रो. भानू यादव, प्रो. निशा कुमारी, प्रो मंजू कुमारी, प्रो. मृत्युंजय कुमार, प्रो. जिया लाल यादव,प्रो. शिवकुमार ठाकुर, प्रो. सुभाषचन्द्र झा, प्रो. अर्चना कुमारी, प्रो. अश्विनी कुमार झा, प्रो. लीना ¨सह, प्रो. अरविन्द कुमार, देवनंदन यादव, प्रो. लोचन मिश्र, प्रो. वसी अहमद, प्रो. सुमन कुमार ¨सह आदि ने संबोधित किया।
हमलोग भी मुख्यमंत्री पर आपकी मांगों को पूरा करने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर सरकार कोई ठोस निर्णय लेगी। पूर्व विधायक संजीव कुमार झा ने कहा कि इस मांग को सड़क से लेकर सदन तक उठाकर भाजपा संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है। प्रो. हरिनारायण यादव के मंच संचालन में धरना को संबोधित करते हुए प्रो. राकेश कुमार ने कहा कि विगत तीस वर्षों से बिना वेतन के काम कर रहे शिक्षकों की स्थिति बेहद ही ¨चताजनक हो गई है। घोषणापत्र में सरकार ने वेतनमान देने की की बात कही थी जो अब अनुदान पर अटक गया। अनुदान भी वर्ष 2011 के बाद शिक्षकों को नहीं मिल पाया है। धरना को रंजीत प्रसाद ¨सह, प्रो. दिलीप मिश्र, प्रो. शिलानंद ¨सह, प्रो. भानू यादव, प्रो. निशा कुमारी, प्रो मंजू कुमारी, प्रो. मृत्युंजय कुमार, प्रो. जिया लाल यादव,प्रो. शिवकुमार ठाकुर, प्रो. सुभाषचन्द्र झा, प्रो. अर्चना कुमारी, प्रो. अश्विनी कुमार झा, प्रो. लीना ¨सह, प्रो. अरविन्द कुमार, देवनंदन यादव, प्रो. लोचन मिश्र, प्रो. वसी अहमद, प्रो. सुमन कुमार ¨सह आदि ने संबोधित किया।