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नियमित वेतनमान के साथ प्रेरकों को दें शिक्षक का दर्जा

जहानाबाद : जिले के बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक समन्वयक संघ ने  पांच सूत्री मांग को लेकर बुधवार को समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. धरना की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष रामनरेश सिंह ने की. धरना में वक्ताओं ने कहा कि सरकार प्रेरक व समन्वयकों का दमन कर रही है.
लाख प्रयास के बावजूद उनकी मांग को अनसूना किया जा रहा है. महंगाई बढ़ने के बावजूद पिछले छह सालों से मात्र दो हजार रुपये मानदेय का भुगतान कर सरकार प्रेरकों के साथ भेदभाव कर रही है. वक्ताओं ने कहा कि प्रेरक सरकार के साक्षरता कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजना जैसे मतदाता जागरूकता, जन जागरण, मद्य निषेध जैसी कई योजनाओं को सफल बनाने में तन-मन से जुटी है. इसके बावजूद सरकार का ध्यान प्ररकों पर नहीं है. महंगाई के दौर में महज दो


हजार रुपये में प्रेरकों को अपने परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो जाता है. सरकार की उपेक्षा के कारण प्रेरकों का मनोबल गिरता जा रहा है. सरकार की दोहरी नीति की वजह से प्रेरकों का मानसिक और शारीरिक शोषण जारी है. उन्होंने सरकार से समान काम के लिए समान वेतन के साथ प्रेरक समन्वयक को नियमित वेतन का भुगतान कर शिक्षक का दर्जा दिये जाने की मांग की है. साथ ही महिला प्रेरक समन्वयक को नियमित करने के अनुरूप मातृत्व अवकाश जैसी सरकारी सुविधाएं दिये जाने की मांग की है. प्रेरकों ने सरकार से 60 वर्ष की सेवा गारंटी किये जाने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो प्रेरक 19 मार्च को प्रस्तावित महापरीक्षा का बहिष्कार करेंगे तथा सरकार की इस दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघ लड़ाई को धारदार रूप देगा. धरना के बाद संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मिल कर पांच सूत्री मांगें रखी. संघ ने धरना के माध्यम से 27-28 फरवरी एवं तीन मार्च को मुख्यमंत्री के समक्ष आयोजित महाधरना में अधिक से अधिक संख्या में पहुंच चट्टानी एकता का परिचय देने का आह्वान किया है. धरना को गोप गुट के जिला सचिव वासुदेव सिंह,सचिव दिलीप कुमार,  मो अरशद इमाम अंसारी, अरुण कुमार सिंह, नरेश कुमार, संजय कुमार सहित कई लोगों ने संबोधित किया.

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