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बीएसएससी पेपर लीक मामला: सचिवालय सहायक सहित 5 धराए

बीएसएससी पेपर लीक मामले में रविवार को सचिवालय कर्मी सहित कुल 5 लोग गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा पटना के विभिन्न इलाकों सहित नवादा और कोलकाता में छापेमारी जारी रही।
गिरफ्तार लोगों में सचिवालय सहायक शीलभद्र गुप्ता (बहादुरपुर, पटना) एवीएन स्कूल के डाटा इंट्री ऑपरेटर मुकेश कुमार (मगध कॉलोनी, कुर्जी), बिहार विकास मिशन के डाटा इंट्री ऑपरेटर ओम प्रकाश गुप्ता (अशोक नगर, कंकड़बाग), दलाल ऋषिदेव सिंह (पाटलिपुत्र कॉलोनी) व दलाल दिनेश कुमार यादव (महेंद्रू) हैं। इनके पास से पुलिस ने अभ्यर्थियों के भारी संख्या में एडमिड कार्ड, मुहर, एटीएम कार्ड , बैंक खाता आदि बरामद किए हैं। अब तक 24 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनका लिंक सचिव परमेश्वर राम से जुड़ा है।
पकड़ा गया शीलभद्र सचिवालय में जल संसाधन विभाग में सहायक है। वह अभ्यर्थियों से पैसे लेकर रामाशीष व अटल तक पहुंचाता था। इसमें उसे कमीशन मिलता था। अभ्यर्थियों का मूल प्रमाणपत्र वह अपने पास ही रखता था। नौकरी लगने पर जब अभ्यर्थी पूरे पैसे दे देता था तब शीलभद्र सर्टिफिकेट लौटाता था। ऋषिदेव व दिनेश दलाली करते थे। दोनों अभ्यर्थियों और अटल के बीच की कड़ी थे। पकड़ा गया ओम प्रकाश गुप्ता भी अभ्यथियों को मास्टरमाइंड तक पहुंचाता था।

ईओयू ने मांगी लोगों से सूचना
बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में ईओयू ने अहम कदम उठाया है। इस मामले में यदि आपके पास कोई जानकारी है तो आप सीधे ईओयू के अफसर के मोबाइल फोन पर जानकारी दे सकते हैं। ई-मेल आईडी भी जारी की गई है। ईओयू के एएसपी सुशील कुमार के सरकारी नम्बर 8986912829 पर प्रश्नपत्र लीक के बाबत जानकारी दी जा सकती है। इसके अलावा cybercell_bih@nic.inपर भी इसकी जानकारी भेजी जा सकती है।
परमेश्वर को लकड़ी चोरी मामले में हो चुका है जेल
बीएसएससी पर्चा लीक प्रकरण में पकड़े गए पूर्व सचिव परमेश्वर राम को लेकर रविवार सुबह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। परमेश्वर राम पूर्व में भी जेल जा चुके हैं। जब वे बेतिया में मैनाटांड में सीओ थे तभी उन पर जंगल की लकड़ी चोरी करने का आरोप लगा था।
वर्ष 1998 में ही परमेश्वर पर बेतिया के भंगहा थाने में 34/98 केस दर्ज कर जांच शुरू की गयी थी। आरोप सही पाए जाने पर परमेश्वर को पुलिस ने जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद भी परमेश्वर ने कई कारनामे किए। परमेश्वर के संबंध लकड़ी तस्करों से भी थे। जंगल से लकड़ी को काटकर तस्कर उसे बेचते थे। इस पूरे खेल में परमेश्वर को भी हिस्सेदारी दी जाती थी।
एसआईटी पता लगाने में जुटी : अब एसआईटी की टीम यह पता लगने में जुटी हुई है कि परमेश्वर के खिलाफ राज्य में और किन-किन जगहों पर केस दर्ज हैं। नए खुलासे के बाद एक और बात स्पष्ट हो गयी है कि पूर्व से ही परमेश्वर की गिनती भ्रष्ट अफसर के रूप में की जाती थी।
फर्जी बीएसएससी की तारीख हो रही वायरल : बीएसएससी ने इंटर स्तरीय परीक्षा रद्द कर दी है। अबतक कोई नई परीक्षा तारीख नहीं की गई है, लेकिन वाट्सएप व सोशल मीडिया पर फर्जी परीक्षा की तारीख की नोटिस घूम रही है। बीएसएससी के कार्यकारी सचिव योगेंद्र राम ने बताया कि अभी तारीख जारी होने का कोई सवाल ही नहीं है। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो शिकायत की जाएगी।
सनसनीखेज
-जंगल से लकड़ी को काटकर बेचते थे तस्कर, परमेश्वर को भी दी जाती थी हिस्सेदारी
-एसआईटी की टीम परमेश्वर पर अन्य आरोपों का पता लगाने में जुट गई
1998 में दर्ज हुई थी एफआईआर, सीबीआई जांच की मांग
जन अधिकार छात्र परिषद् ने बीएसएससी परीक्षा की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। इसको लेकर परिषद् से जुड़े छात्रों ने रविवार को मगध विवि शाखा के सामने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया। इसका नेतृत्व रोहन यादव कर रहे थे। परिषद् के महासचिव प्रभात कुमार ने भी मामले की जांच भी सीबीआई से कराने की मांग की। इस पुतला दहन पुष्प राज रंजन , राजा कुमार, शुभम सिंह, संटु यादव, सिटु यादव, राहुल राज, विकास आदि थे।
जांच की मांग
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार के नेतृत्व में रविवार को दर्जनों छात्रों ने आयकर गोलंबर के पास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया। बीएसएससी परीक्षा में पर्चा लीक मामले से खफा छात्रों ने मंत्रियों व विधायकों की संलिप्तता का आरोप लगाया और स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से मामले की जांच कराने की मांग की।
धरना दिया
युवा लोक जनशक्ति पटना महानगर ने बिहार में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार, कुशासन आदि के खिलाफ रविवार को एक दिवसीय धरना दिया। धरना की अध्यक्षता कृष्णा सिंह कल्लू ने की। इस धरना में अशरफ अंसारी, निरंजन सिंह, गुडडू गुप्ता, विनोद कुमार सिंह, मनीष कुमारा, प्रमोद कुमार, चंदन कुमार, विकास, अंकित, गोलू, भोलू, अनिकेत आदि शामिल थे।
जांच को धरना
पटना। युवा लोक समता (उपेंद्र) ने बीएसएससी पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए रविवार को गर्दनीबाग में धरना दिया. मामले की सीबीआई जांच कराने के वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में मंत्रियों, विधायकों और कई पदाधिकारियों के नाम आए हैं। इनका खुलासा नहीं होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
अटल ने नितिन को भेजा था पेपर, मिले थे 2.20 लाख
औरंगाबाद के रफीगंज से पकड़े गए गणित के शिक्षक अटल बिहारी राय व जेल भेजे गए एवीएन स्कूल के संचालक रामाशीष सिंह लंबे समय से जुड़े थे। अटल एवीएन स्कूल में शिक्षक रह चुका है।
उसी ने अपने मोबाइल पर प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर मास्टरमाइंड नितीन वर्मा उर्फ सनोज के वाट्सएप पर भेज दिया था। बाद में सनोज ने प्रश्नपत्र को वाट्सएप पर वायरल कर दिया था। सनोज को गुरुवार को जेल भेजा गया था।
सनोज ने दिए थे रुपए : सनोज पेपर लीक का मास्टरमाइंड है। उसने बिहटा में वर्मा आईआईटी सेंटर खोल रखा है। पेपर लीक करने के लिए उसने ही अटल को 2.20 लाख दिए थे। इन पैसों में अटल ने एक लाख एवीएन स्कूल के संचालक रामाशीष सिंह को, 40 हजार एवीएन स्कूल के मैनेजर रामसुमेर सिंह को, 20 हजार एवीएन स्कूल के केंद्राधीक्षक रहे गौरीशंकर सिंह को दिए थे। बाकी पैसा अटल ने रखा था। अटल रफीगंज के कन्या उच्च विद्यालय में गणित का शिक्षक है। इसके पहले वह एवीएन स्कूल में तैनात था। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि अटल ने शिक्षक की नौकरी सेटिंग करके तो नहीं पायी है। उसने कब शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। इसके लिए उसने परीक्षा दिया था या नहीं। कहीं उसकी जगह परीक्षा में कोई और तो नहीं बैठा था।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि जेल गया सनोज गिरोह का मास्टर माइंड है। उसी ने पेपर लीक करने के लिए अटल को दो लाख 20 हजार रुपए दिए थे। एवीएन स्कूल से प्रश्न-पत्र की फोटो लेकर अटल ने सनोज के वाट्सएप पर भेजा था। बाद में सनोज ने प्रश्न-पत्र को वाट्सएप पर वायरल कर दिया था।
सनोज सहित आधा दर्जन को पुलिस लेगी रिमांड पर
पेपर लीक के मास्टरमाइंड सनोज वर्मा उर्फ नितीन कुमार सहित आधा दर्जन आरोपियों को पुलिस जल्द ही रिमांड पर लेगी। औरंगाबाद से गिरफ्तार किए गए सनोज के करीबी अटल बिहारी से पुलिस को काफी क्लू मिले हैं।
जेल भेजे गए लोको पायलट आलोक रंजन, एवीएन स्कूल के मैनेजर रामसुमेर सिंह, केंद्राधीक्षक गौरीशंकर सिंह को भी रिमांड पर लिया जाएगा। एसएसपी के मुताबिक सनोज बड़ा खिलाड़ी है। एवीएन स्कूल को उसने प्रश्नपत्र लीक का बहुत बड़ा सेंटर बना रखा था। अटल के मार्फत वह सेंटर मैनेज करने से लेकर प्रश्नों के उत्तर तक तैयार करवाया करता था। सनोज के गिरोह में कई स्कॉलर हैं।
एवीएन स्कूल पेपर लीक का बना था अड्डा : प्रश्नपत्रों का हल स्कॉलर से करवाने के बाद सनोज परीक्षा केंद्र में बैठे अभ्यर्थियों को हाईटेक तरीके से लिखवाया करता था। एवीएन स्कूल के संचालक रामाशीष सिंह से वह अक्सर मिलता-जुलता रहता था। मोबाइल फोन पर भी उसकी बातें हुआ करती थीं। पूछताछ में अटल ने पुलिस को बताया कि एवीएन स्कूल में सेंटर दिलाने में सनोज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। वह बीएसएसी के सचिव परमेश्वर राम का भी काफी करीब था। सचिव के मार्फत ही वह सेंटर मैनेज करवाया करता था।
एसएसपी का कहना है कि अब तक के छानबीन में साफ हो गया है कि पेपर लीक एवीएन स्कूल से ही किया गया था। अटल ने जिस मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र का फोटो खींचा था, वह उसके मेमोरी कार्ड में मौजूद है। यह पुलिस के लिए पुख्ता सबूत का भी काम करेगा। फोटो एवीएन स्कूल के डाटा इंट्री ऑपरेटर मुकेश के टेबुल पर लिया गया था। उसके टेबुल पर ब्लेड था व ब्लू रंग का चादर था। वह भी फोटो में आया है।
तफ्तीश
-अटल से मिले पुलिस को काफी क्लू , पेपर लीक एवीएन स्कूल से हुआ था
-औरंगाबाद से गिरफ्तार किए गए सनोज से पुलिस को मिले कई अहम सुराग
03 साल से रामाशीष के संपर्क में था दलाल ऋषिदेव
दर्जनभर लोगों को दिला चुका है नौकरी
पुलिस गिरफ्त में आया दलाल ऋषिदेव सिंह करीब तीन सालों से रामाशीष के संपर्क में था। इस दौरान उसने दर्जनों अभ्यर्थियों को रामाशीष के माध्यम से नौकरियां लगवा चुका है। वहीं दिनेश पहले ऋषिदेव के संपर्क में आया। बाद में वह भी रामाशीष के मिलकर नौकरियां लगवाने का धंधा करने लगा। इसके लिए इन दोनों को कमीशन मिलता था। 

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