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BSSC पेपर लीक मामला : सचिवालय सहायक समेत 6 और को एसआइटी ने किया गिरफ्तार

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी ने रविवार को छह और लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें जल संसाधन विभाग के सहायक (सचिवालय) व डाटा इंट्री ऑपरेटर शील भद्र गुप्ता और बिहार विकास मिशन के डाटा इंट्री ऑपरेटर ओम प्रकाश गुप्ता भी शामिल हैं.
शील भद्र अटल बिहारी राय और नितिन उर्फ सनोज के साथ मिल कर काम करता था. वह छात्रों के सर्टिफिकेट को बंधक के रूप में रख लेता था और फिर लौटाने के नाम पर पैसा वसूलता था.

एसआइटी ने शील भद्र के घर से कई छात्रों के सर्टिफिकेट, बीएसएससी परीक्षा का एडमिट कार्ड, मुहर समेत अन्य सामान बरामद किया है. कुछ छात्रों के एटीएम कार्ड व पासबुक भी मिले हैं. वहीं, ओम प्रकाश गुप्ता अटल और सनोज के संपर्क में था और दोनों के बीच की कड़ी था. पुलिस की पूछताछ जारी है. एसआइटी की पूछताछ में पता चला है कि बिहार के वर्मा आइटीआइ के संचालक नितिन उर्फ सनोज ने एवीएन स्कूल के शिक्षक अटल से मिल कर पपेर लीक कराने ने एवीएन स्कूल के शिक्षक अटल से मिल कर पपेर लीक कराने का सौदा किया था.

इसके लिए अटल को 2.20 लाख रुपये दिये थे. इनमें अटल ने 40 हजार रुपये अपने पास रखे, 20 हजार रुपये एवीएन स्कूल के मैनेजर रामसुमेर को, 20 हजार गौरीशंकर को, 10 हजार मुकेश को दिये. 1.30 लाख रुपये एवीएन स्कूल के निदेशक रामआशीष सिंह को मिला था.

अटल ने प्रश्नपत्र का फोटो खींचा और सनोज को भेजा
पैसे की डिलिंग के बाद एवीएन स्कूल में मुकेश के टेबल से अटल ने प्रश्नपत्र का फोटो खींचा था. एसआइटी के मुताबिक अटल ने फोटो खींचा और सनोज को वाट्सएप पर भेज दिया. यही फोटो बाद में वायरल हुआ. एसआइटी की जांच उस टेबल तक पहुंच गयी है, जहां से यह सब हुआ था. आगे छानबीन जारी है.

ऋषिदेव और दिनेश लाता था कैंडिडेट
एसआइटी ने ऋषिदेव और दिनेश को गिरफ्तार किया है. दोनों की पटना के कई कोचिंग संचालकों से सेटिंग थी. ये संचालक के माध्यम से परीक्षा पास कराने के नाम पर कैंडिडेट को तैयार करता था. उनसे पैसा तय करता था और फिर उनकी मुलाकात सनोज से कराता था. दोनों ओमप्रकाश से भी मिले हुए थे.

ये हुए गिरफ्तार
शीलभद्र गुप्ता जय महावीर कॉलोनी, बाजार समिति , बहादुरपुर पटना
आेम प्रकाश गुप्ता पथरा गुरारु, गया, (पटना में अशोक नगर, कंकड़बाग में रहता है)
ऋषिदेव सिंह मौजउना, दरियापुर, सारण (पटना में पाटलिपुत्रा कॉलोनी में रहता है)
दिनेश कुमार यादव भुरखौरा, मरौउना, सुपौल
मुकेश कुमार कुर्जी मगध कॉलोनी, दीघा, पटना (एवीएन स्कूल में डाटा इंट्री ऑपरेटर)
अटल बिहारी राय बड़कागांव, थाना औद्योगिक, बक्सर (औरंगाबाद रफि गंज में शिक्षक)

जांच में किसी का हस्तक्षेप नहीं : मुख्य सचिव
पटना. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने रविवार को कहा कि बीएसएससी पेपर लीक मामले की जांच में किसी का हस्तक्षेप नहीं है. इसकी जांच पुलिस को सौंपी गयी है. वह हर पहलू की निष्पक्ष व गहन जांच कर रही है. सरकार के स्तर
पर इसमें कुछ भी नहीं हो रहा है. मुख्य सचिव राज्यस्तरीय पुष्प प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. यह पूछे जाने पर कि पेपर लीक मामले में बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेट के नाम आ रहे हैं. इस मामले पर सरकार क्या कर रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले को भी पुलिस देख रही है.

सरकार के स्तर पर किसी तरह कर इन्वेस्टिगेशन नहीं किया जा रहा है. मकर संक्राति के मौक पर पटना में हुए नाव हादसे की रिपोर्ट को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि इसकी जांच रिपोर्ट मिल गयी है. मैंने अभी इसे पढ़ा नहीं है. सोमवार को इसका अध्ययन करूंगा. उसके बाद ही जवाब देने की स्थिति में होऊंगा.

हाजीपुर पहुंची एसआइटी परीक्षार्थियों से पूछताछ
हाजीपुर. बीएसएससी पेपर लीक मामले को लेकर रविवार को पटना एसआइटी की तीन सदस्यीय टीम हाजीपुर नगर थाना पहुंची. वहां पर वैशाली पुलिस की ओर से रिमांड पर लिये गये चारों परीक्षार्थियों से टीम ने बंद कमरे में घंटों पूछताछ की. टीम का दावा है कि पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. एसपी राकेश कुमार ने बताया कि बीते रविवार को परीक्षा में नकल करते चार परीक्षािथर्यों को मोबाइल और चिट-पुरजे के साथ गिरफ्तार किया गया था.

इनमें सारण जिले के अवतार नगर थाने के धेनुकी गांव के अमोद कुमार सिंह, मदनपुर गांव के बबलू कुमार और गोपालगंज जिले के बरौली थाने के पंचरनदीया गांव के संतोष कुमार को आरएन कॉलेज परीक्षा केंद्र से, जबकि मधुबनी जिले के धोधाडीह थाने के भोपहा सरौती गांव के प्रभाष कुमार को जमुनीलाल कॉलेज परीक्षा केंद्र से पकड़ा गया था. इस संबंध में नगर थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गयीं और चारों को जेल भेज दिया गया था. एसपी ने बताया कि बीएसएससी परीक्षा के पेपर लीक होने का मामला उजागर होने के बाद नौ फरवरी की शाम चारों परीक्षािथर्यों को चार दिनों के लहए रिमांड पर लिया गया था. 10 फरवरी को पटना एसआइटी ने चारों से पूछताछ की थी. रविवार को भी पटना एसआइटी हाजीपुर आयी और पूछताछ की. इसके बाद रविवार की शाम चारों परीक्षािथर्यों को जेल भेज दिया गया.

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