कैमूर। उप विकास आयुक्त दिलीप कुमार की अध्यक्षता में गठित बोर्ड ने
जिला के एससी-एसटी आवासीय स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों
के चयन को ले आवेदित सेवानिवृत शिक्षकों की काउंसि¨लग की गई।
काउंसि¨लग के बारे में जानकारी देते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी कन्हैया राम ने बताया कि जिला में कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित हो रहे आवासीय विद्यालयों में स्नातक व इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों के लिए विभाग के निर्देश के आलोक में सेवानिवृत शिक्षकों से आवेदन मांगा गया था। जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि शनिवार को 18 स्नातक सहायक प्रशिक्षित शिक्षकों के चयन के लिए की काउंसि¨लग गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के चयन प्रकिया के पूरी होने के बाद आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की समस्या का निराकरण हो जाएगा। पठन-पाठन सुचारू रूप से होगा। समाचार लिखे जाने तक 20 सेवानिवृत शिक्षकों की काउस¨लग का कार्य पूरा हो चुका था।
बतादे कि जिले के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति के आवासीय मीडिल व हाई स्कूलों में शिक्षको की कमी है। शिक्षकों की कमी के कारण आवासीय विद्यालयों में पठन-पाठन करने वाले च्च्चों को काफी परेशानी हो रही थी। विभाग आवासीय विद्यालयों के च्च्चों के पठन पाठन के ले गंभीर था। राज्य मुख्यालय से अनुमति मिलते ही आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों के चयन की कवायद शुरू कर दी गई।
काउंसि¨लग के बारे में जानकारी देते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी कन्हैया राम ने बताया कि जिला में कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित हो रहे आवासीय विद्यालयों में स्नातक व इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों के लिए विभाग के निर्देश के आलोक में सेवानिवृत शिक्षकों से आवेदन मांगा गया था। जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि शनिवार को 18 स्नातक सहायक प्रशिक्षित शिक्षकों के चयन के लिए की काउंसि¨लग गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के चयन प्रकिया के पूरी होने के बाद आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की समस्या का निराकरण हो जाएगा। पठन-पाठन सुचारू रूप से होगा। समाचार लिखे जाने तक 20 सेवानिवृत शिक्षकों की काउस¨लग का कार्य पूरा हो चुका था।
बतादे कि जिले के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति के आवासीय मीडिल व हाई स्कूलों में शिक्षको की कमी है। शिक्षकों की कमी के कारण आवासीय विद्यालयों में पठन-पाठन करने वाले च्च्चों को काफी परेशानी हो रही थी। विभाग आवासीय विद्यालयों के च्च्चों के पठन पाठन के ले गंभीर था। राज्य मुख्यालय से अनुमति मिलते ही आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों के चयन की कवायद शुरू कर दी गई।