सहरसा। मध्य विद्यालय कपसिया में सोमवार को एक विदाई समारोह में भाग
लेने के बाद संवाददाताओं से जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव सह
प्रदेश महासचिव ने कहा कि शिक्षकों के सम्मान एवं न्याय दिलाने के लिए
हमारा संघर्ष चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने अधिकार के लिए सरकार के मोहताज नहीं होंगे। हमें न्यायालय पर भरोसा है। न्याय लेकर रहेंगे। उन्होंने शिक्षकों से नियमित विद्यालय जाने तथा अपने कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी निर्वाह करने का आग्रह किया। प्रधानसचिव ने कहा कि सामान काम सामान वेतन की मांग शिक्षकों का अधिकार है। उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
प्रधान सचिव ने कहा कि हम नियमित विद्यालय चलाने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को धरातल पर लाने के लिए विरोधी नहीं हैं। लेकिन दीदियों द्वारा शिक्षकों के खिलाफ अनावश्यक तथा मनगढ़ंत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर परेशान किये जाने के विरोधी हैं। शिक्षक परिवार परेशान हैं। उन्होंने कहा कि जिसका उदाहरण एक दीदी द्वारा सोनवर्षा के एक विद्यालय के खिलाफ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। भेजे गए प्रतिवेदन की तिथि के समय में छुट्टी थी और विद्यालय बंद था। आखिर झूठे प्रतिवेदन के लिए दीदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जबकि शिक्षकों को निलंबित कर दिया जाता है। उन्होंने शिक्षकों को संयमित रहने तथा न्यायालय के आदेश का इंतजार करने को कहा। उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना के लिए भी संगठित होकर निर्णय लेने की बात कही। संघ के पदाधिकारी शिवकुमार झा, रेवती रमण ¨सह, सत्यवान कुमार, दिनेश्वर साह, संजय कुमार सहित कई ने भी अपने अधिकार के लिए संघर्ष करने तथा संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने अधिकार के लिए सरकार के मोहताज नहीं होंगे। हमें न्यायालय पर भरोसा है। न्याय लेकर रहेंगे। उन्होंने शिक्षकों से नियमित विद्यालय जाने तथा अपने कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी निर्वाह करने का आग्रह किया। प्रधानसचिव ने कहा कि सामान काम सामान वेतन की मांग शिक्षकों का अधिकार है। उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
प्रधान सचिव ने कहा कि हम नियमित विद्यालय चलाने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को धरातल पर लाने के लिए विरोधी नहीं हैं। लेकिन दीदियों द्वारा शिक्षकों के खिलाफ अनावश्यक तथा मनगढ़ंत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर परेशान किये जाने के विरोधी हैं। शिक्षक परिवार परेशान हैं। उन्होंने कहा कि जिसका उदाहरण एक दीदी द्वारा सोनवर्षा के एक विद्यालय के खिलाफ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। भेजे गए प्रतिवेदन की तिथि के समय में छुट्टी थी और विद्यालय बंद था। आखिर झूठे प्रतिवेदन के लिए दीदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जबकि शिक्षकों को निलंबित कर दिया जाता है। उन्होंने शिक्षकों को संयमित रहने तथा न्यायालय के आदेश का इंतजार करने को कहा। उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना के लिए भी संगठित होकर निर्णय लेने की बात कही। संघ के पदाधिकारी शिवकुमार झा, रेवती रमण ¨सह, सत्यवान कुमार, दिनेश्वर साह, संजय कुमार सहित कई ने भी अपने अधिकार के लिए संघर्ष करने तथा संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान किया।