पटना। विधि संवाददाता 34540 शिक्षक बहाली में बहाल शिक्षक पेंशन के हकदार होगे या नहीं, इस बात को लेकर दायर अर्जी पर अब पटना हाईकोर्ट के खंडपीठ सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट के एकलपीठ ने दायर अर्जी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कानून को चुनौती देने वाली अर्जी पर खंडपीठ सुनवाई करता है, न कि एकलपीठ। अदालत ने मामले को खंडपीठ के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।
न्ययामूर्ति शिवा जी पाण्डेय की एकलपीठ ने अलग-अलग चार रिट याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। कोर्ट को बताया गया कि 2010 शिक्षक बहाली कानून को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट के फैसला को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बाद में सरकार ने उसे वापस ले लिया। जिस कारण शिक्षको की बहाली पुराने कानून के तहत हुई। ऐसे में शिक्षकों पर 1995 पेंशन रूल लागू होगा । वे पेशंन के हकदार होंगे।
गौरतलब है कि राज्य में नवंबर 2005 से पेंशन कानून को समाप्त कर दिया गया है। जबकि शिक्षकों की बहाली दो वर्ष पूर्व से हो रही है। यहां तक कि अभी भी बचे सीट पर बहाली प्रक्रिया चल रही है। आवेदकों का कहना है कि बहाली का विज्ञापना 2003 में निकाला गया था। उसी के तहत बहाली हो रही है। ऐसे में बहाल शिक्षक पेंशन के हकदार हैं।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
न्ययामूर्ति शिवा जी पाण्डेय की एकलपीठ ने अलग-अलग चार रिट याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। कोर्ट को बताया गया कि 2010 शिक्षक बहाली कानून को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट के फैसला को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बाद में सरकार ने उसे वापस ले लिया। जिस कारण शिक्षको की बहाली पुराने कानून के तहत हुई। ऐसे में शिक्षकों पर 1995 पेंशन रूल लागू होगा । वे पेशंन के हकदार होंगे।
गौरतलब है कि राज्य में नवंबर 2005 से पेंशन कानून को समाप्त कर दिया गया है। जबकि शिक्षकों की बहाली दो वर्ष पूर्व से हो रही है। यहां तक कि अभी भी बचे सीट पर बहाली प्रक्रिया चल रही है। आवेदकों का कहना है कि बहाली का विज्ञापना 2003 में निकाला गया था। उसी के तहत बहाली हो रही है। ऐसे में बहाल शिक्षक पेंशन के हकदार हैं।