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लालकेश्वर के करतूतों का शिकार हुआ गर्ल्स कॉलेज, 31 साल बाद रद्द हो गई मान्यता

बिहार के झाझा में 31 साल पुराने एक कॉलेज का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर आ गया है. सरकार से मान्यता प्राप्त और वर्ष 1985 में स्थापित महिला कॉलेज झाझा की मान्यता को दरअसल इंटर काउंसिल ने रद्द कर दिया है. कारण इसकी मान्यता देने के समय बिहार के टॉपर्स स्कैम के किंगपीन लालकेश्वर प्रसाद का बोर्ड अध्यक्ष रहना है.

कॉलेज की मान्यता रद्द किए जाने की सूचना से कॉलेज की छात्राएं एवं अभिभावक मायूस हैं और आन्दोलन के मूड में हैं. सबों का कहना है कि वे आन्दोलन के किसी भी हद तक जा सकते हैं. कॉलेज के प्राचार्य प्रो जीके गिरी ने बताया कि सरकार के इस निर्णय के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे.

प्राचार्य के मुताबिक कॉलेज सरकार के निर्धारित सभी मानकों को पूरा करता है चाहे पढ़ाई की बात हो, 22 कमरों का भवन, सुसज्जित पुस्तकालय, प्रयोगशाला कक्ष अथवा खेल सामग्री की सुविधा.

छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षक शिक्षिकाओं का कहना है कि यह सौभाग्य कहा जाए या दुर्भाग्य, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिस समय कॉलेज को मान्यता दी थी उस समय लालकेश्वर सिंह समिति के अध्यक्ष थे. ऐसे में कॉलेज की क्या गलती है.

लोगों ने कहा कि सरकार पटना से ही टीम गठित कर जांच करा ले. मालूम हो कि बिहार बोर्ड ने रिज्लट घोटाले के बाद राज्य के लगभग 90 कॉलेजों की मान्यता को स्थायी और अस्थायी तौर से निलंबित कर दिया था.

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