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70 हजार रुपये का नहीं मिल रहा हिसाब

सीतामढ़ी  : वर्ष 2014 में नवोदय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा को संपन्न कराने के लिए नवोदय विद्यालय प्रबंधन की ओर से डीइओ को 70 हजार रुपये मिले थे. परीक्षा संपन्न हुये दो वर्ष हो गये, पर अब तक इसका पता नहीं चल सका हैं कि उक्त राशि की निकासी किसने की थी. डीइओ को जिस लिपिक पर निकासी करने का शक था, उन्होंने उन्हें पत्र भेजकर बताया हैं कि वे वर्ष 2014 में डीइओ कार्यालय में पदस्थापित ही नहीं थे. लिपिक अनिल कुमार झा ने स्पष्ट कर दिया हैं
 
कि उस दौरान वे डीइओ, वैशाली के कार्यालय में पदस्थापित थे. जहां तक डीइओ सुरेश प्रसाद के पदस्थापित रहने की बात है तो सच्चाई है कि श्री प्रसाद उस दौरान प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, दरियापुर, पूर्वीचंपारण के प्राचार्य के रूप में पदस्थापित थे. 
 
राशि के देनदार नहीं
 
हाल में डीइओ महेश्वर साफी ने लिपिक श्री झा को पत्र भेज 70 हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा कराने का आदेश दिया था. उसी आदेश के आलोक में श्री झा ने उन्हें पत्र भेज अपनी सफाई दी है. कहा है कि वर्ष 2014 में परीक्षा प्रभारी के रूप में लिपिक लक्ष्मण कुमार व डीइओ के रूप में सहजानंद थे. वर्ष 2015 में उक्त दोनों द्वारा उन्हें न तो 70 हजार का कोई अभिश्रव दिया गया
 

और न ही राशि का प्रभार. इस स्थिति में उन्हें 70 हजार रुपये जमा कराने का आदेश दिया जाना न्यायसंगत नहीं है. श्री झा ने डीओ से उक्त आरोप से मुक्त कराने और वेतन का भुगतान करने का आदेश देने का आग्रह किया है. श्री झा ने कहा है कि वर्ष 2015 में परीक्षा मद में ढाई लाख रुपये मिला था, जिसका हिसाब उन्होंने 19 अक्टूबर 2016 को डीपीओ स्थापना के माध्यम से दे दिया.
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