पटना। बिहार के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक अब छात्रों को
सप्ताह में 36 नहीं, 45 घंटे तक पढ़ाएंगे। इसके साथ ही मास्टर साहब को यह
दायित्व दिया गया है कि वे प्रत्येक दिन तीन से चार बजे के बीच स्कूल के
कमजोर बच्चों को अलग से पढ़ाएं।
शनिवार के दिन स्कूलों में छुट्टी डेढ़ बजे की बजाय शाम चार बजे करने का फैसला भी इसी कड़ी में लिया गया है। शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिलों को अपने निर्देश की जानकारी देने के लिए पत्र जारी किया है।
छात्र-शिक्षक की जानकारी देगा ब्लैक बोर्ड
शिक्षा सचिव ने सभी जिलों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को निर्देश दिया है कि स्कूल परिसर में एक ब्लैक बोर्ड लगाएं, जिसमें यह जानकारी दी जाए कि कुल कितने बच्चों ने नामांकन कराया है और आज स्कूल में कुल कितने छात्र मौजूद रहे। शिक्षक के बारे में भी ऐसी ही जानकारी बोर्ड पर रहेंगी।
स्कूल के सूचना बोर्ड पर मास्टर साहब की फोटो
सचिव ने निर्देश दिया है कि स्कूल प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के सूचना बोर्ड पर स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों की जानकारी अभिभावकों की सुविधा के लिए निश्चित तौर पर दें। स्कूलों को मास्टर साहब तस्वीर के साथ उनके विषय और उनके मोबाइल नंबर बोर्ड पर दर्शाने होंगे। जिले के शिक्षा पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी तथा मिड डे मील पदाधिकारी के मोबाइल नंबर भी इस बोर्ड पर दर्ज करने को कहा गया है।
पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए एक घंटे अतिरिक्त
स्कूल में तीन बजे छुट्टी होने के बाद भी मास्टर साहब घर नहीं जाएंगे। शिक्षा विभाग ने विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक को यह दायित्व सौंपा है कि वे प्रत्येक दिन छुट्टी होने के बाद स्कूल द्वारा चिन्हित पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अलग से एक घंटे पढ़ाएंगे। साथ ही बच्चों को होम वर्क भी देंगे। अगले दिन देखे कि बच्चा होम वर्क करके आया है या नहीं।
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बॉक्स के लिए :
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी जिम्मेदारी
शिक्षा सचिव ने प्रखंडों में तैनात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को यह जिम्मा सौंपा है कि वे प्रत्येक दिन कम से कम दो स्कूलों का निरीक्षण करें और यह देखें कि स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या कितनी है और जांच के वक्त कितने शिक्षक स्कूल में मौजूद रहे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि स्कूल का कोई कनीय शिक्षक को स्कूल प्राचार्य का जिम्मा न दिया जाए।
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शनिवार के दिन स्कूलों में छुट्टी डेढ़ बजे की बजाय शाम चार बजे करने का फैसला भी इसी कड़ी में लिया गया है। शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिलों को अपने निर्देश की जानकारी देने के लिए पत्र जारी किया है।
छात्र-शिक्षक की जानकारी देगा ब्लैक बोर्ड
शिक्षा सचिव ने सभी जिलों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को निर्देश दिया है कि स्कूल परिसर में एक ब्लैक बोर्ड लगाएं, जिसमें यह जानकारी दी जाए कि कुल कितने बच्चों ने नामांकन कराया है और आज स्कूल में कुल कितने छात्र मौजूद रहे। शिक्षक के बारे में भी ऐसी ही जानकारी बोर्ड पर रहेंगी।
स्कूल के सूचना बोर्ड पर मास्टर साहब की फोटो
सचिव ने निर्देश दिया है कि स्कूल प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के सूचना बोर्ड पर स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों की जानकारी अभिभावकों की सुविधा के लिए निश्चित तौर पर दें। स्कूलों को मास्टर साहब तस्वीर के साथ उनके विषय और उनके मोबाइल नंबर बोर्ड पर दर्शाने होंगे। जिले के शिक्षा पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी तथा मिड डे मील पदाधिकारी के मोबाइल नंबर भी इस बोर्ड पर दर्ज करने को कहा गया है।
पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए एक घंटे अतिरिक्त
स्कूल में तीन बजे छुट्टी होने के बाद भी मास्टर साहब घर नहीं जाएंगे। शिक्षा विभाग ने विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक को यह दायित्व सौंपा है कि वे प्रत्येक दिन छुट्टी होने के बाद स्कूल द्वारा चिन्हित पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अलग से एक घंटे पढ़ाएंगे। साथ ही बच्चों को होम वर्क भी देंगे। अगले दिन देखे कि बच्चा होम वर्क करके आया है या नहीं।
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प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी जिम्मेदारी
शिक्षा सचिव ने प्रखंडों में तैनात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को यह जिम्मा सौंपा है कि वे प्रत्येक दिन कम से कम दो स्कूलों का निरीक्षण करें और यह देखें कि स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या कितनी है और जांच के वक्त कितने शिक्षक स्कूल में मौजूद रहे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि स्कूल का कोई कनीय शिक्षक को स्कूल प्राचार्य का जिम्मा न दिया जाए।
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