बक्सर। ब्रह्मपुर में शिक्षकों को गलत भुगतान की एक बानगी देखिए। बताया
जाता है कि कन्या मध्य विद्यालय ब्रह्मपुर में बहाल हरेकृष्ण यादव पिता
सुरेश प्रसाद के नियोजन पत्र और बैंक में खाता खोलने के लिए दिए गए मास्टर
डाटा में अलग-अलग व्यक्तियों की तस्वीर लगी हुई है।
अब यह अनियमितता कैसे और किसकी मिलीभगत से हुई इसका पता तो जांच के बाद चलेगा। परन्तु, बहाली में हुई गड़बड़ी का यह भी एक उदाहरण हो सकता है इसमें दो राय नहीं।
बता दें कि हरेकृष्ण यादव वही शिक्षक हैं, जिनको डुमरांव एसडीओ ढूंढ रहे हैं और शिक्षक हैं कि वह चिकित्सा अवकाश पर चले गए हैं। बताया जाता है कि चूंकि वह पहले से जन वितरण प्रणाली के दुकानदार हैं, और इस रूप में एसडीओ के रूप में उपस्थित हो चुके हैं तो फिर शिक्षक के रूप में कैसे उपस्थित हो सकते हैं। खैर जो भी हो यहां सवाल गलत भुगतान को लेकर है और यह सोचने वाली बात है कि नियोजन के लिए दिए गए आवेदन में लगी तस्वीर और बैंक के मास्टर डाटा में लगी तस्वीर में जब अंतर है तो शिक्षक को भुगतान कैसे हुआ। बताते चलें कि डीलर के साथ-साथ शिक्षक की नौकरी के लिए श्री यादव ने न केवल अपने पिता का नाम बदला बल्कि अपना पता भी बदलकर बाबानगर जासो कर दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब कठार निवासी अजय ¨सह ने आरटीआई के माध्यम से इसकी सूचना मांगी। उन्होंने जब इसकी सूचना डुमरांव एसडीओ को दी तो उन्होंने मामले की जांच के लिए डीलर और शिक्षक दोनों व्यक्ति को एक ही साथ हाजिर होने के लिए कहा। परन्तु, दोनों व्यक्ति चूंकि, एक ही आदमी है ऐसे में डीलर के रूप में तो वह एसडीओ के समक्ष उपस्थित हो गए। लेकिन, शिक्षक के रूप में उपस्थित नहीं हो सके।
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बता दें कि हरेकृष्ण यादव वही शिक्षक हैं, जिनको डुमरांव एसडीओ ढूंढ रहे हैं और शिक्षक हैं कि वह चिकित्सा अवकाश पर चले गए हैं। बताया जाता है कि चूंकि वह पहले से जन वितरण प्रणाली के दुकानदार हैं, और इस रूप में एसडीओ के रूप में उपस्थित हो चुके हैं तो फिर शिक्षक के रूप में कैसे उपस्थित हो सकते हैं। खैर जो भी हो यहां सवाल गलत भुगतान को लेकर है और यह सोचने वाली बात है कि नियोजन के लिए दिए गए आवेदन में लगी तस्वीर और बैंक के मास्टर डाटा में लगी तस्वीर में जब अंतर है तो शिक्षक को भुगतान कैसे हुआ। बताते चलें कि डीलर के साथ-साथ शिक्षक की नौकरी के लिए श्री यादव ने न केवल अपने पिता का नाम बदला बल्कि अपना पता भी बदलकर बाबानगर जासो कर दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब कठार निवासी अजय ¨सह ने आरटीआई के माध्यम से इसकी सूचना मांगी। उन्होंने जब इसकी सूचना डुमरांव एसडीओ को दी तो उन्होंने मामले की जांच के लिए डीलर और शिक्षक दोनों व्यक्ति को एक ही साथ हाजिर होने के लिए कहा। परन्तु, दोनों व्यक्ति चूंकि, एक ही आदमी है ऐसे में डीलर के रूप में तो वह एसडीओ के समक्ष उपस्थित हो गए। लेकिन, शिक्षक के रूप में उपस्थित नहीं हो सके।
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