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जांच के नाम पर धड़क रहा गुरुजी का दिल

मधेपुरा। उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र पंचायत सचिवों द्वारा सरकारी अभिलेख को छुपा कर रखने और निगरानी के जांच में शिक्षक नियोजन से संबंधित फोल्डर जमा नहीं करने के मामले से कई सवाल उठ खड़े होने लगे हैं। यद्यपि इस मामले में प्रखंड क्षेत्र के 11 पंचायत के पंचायत सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
प्राथमिकी उदाकिशुनगंज के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ¨बदेश्वरी प्रसाद साह द्वारा दर्ज कराया गया है। वरीय अधिकारी के आदेश के डेढ़ माह बाद प्राथमिकी दर्ज कराना एक सवाल बन गया है। जबकि जिन पंचायतों के पंचायत सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उनमें शामिल सभी आरापियों का स्थानातंरण दूसरे प्रखंड क्षेत्र के पंचायतो में हो गया है। पुलिस पदाधिकारी का कहना है कि स्थानातंरण से कार्रवाई में परेशानी नहीं होगी। आखिर पंचायत सचिवों ने शिक्षक नियोजन से संबंधित फोल्डर निगरानी के जांच के लिए शिक्षा विभाग को क्यों नहीं उपलब्ध कराया। जांच के लिए फोल्डर उपलब्ध नही कराना गड़बड़ झाला को दर्शाता है। मामले की पूरी जांच हो तो कई चेहरे बेनकाब होंगे। इसमें नियोजन ईकाई की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में है। लाजमी तौर पर अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। निश्चित तौर पर सहीं जांच हो तो कई गुरूजी की नौकरी खतरे में पड़ सकता है। सूत्र बताते है कि गड़बड़ी को छिपाने के लिए नियोजन से संबंधित फाइल ही गुम कर दी गई है। जिन फाइलों का मिलना अब मुश्किल सा बताया जा रहा है। गुरूजी भी नौकरी बचाने के लिए पहुंच और पैरवी का सहारा लेना शुरू कर दिए हैं। वैसे शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि जांच से कोई भी गुरूजी अछूते नहीं रह पाएंगे।
पंचायत सचिव पर लगे आरोप
प्राथमिकी में बताया गया है कि पंचायत सचिवों द्वारा वर्ष 2003, 2005, 2006 और 2012 में पंचायत शिक्षकों का नियोजन किया गया। वर्तमान में निगरानी विभाग नियोजित शिक्षकों का शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच कर रही है। जांच के लिए सभी पंचायत सचिवों को शिक्षक नियोजन से संबंधित अभिलेख मेधा सूची, शिक्षक का आवेदन फॉर्म आदि का फोल्डर जमा करने का निर्देश दिया गया। कई बार के विभागीय निर्देश के बावजूद सचिवों ने फोल्डर जमा नहीं किए। जिसे विभाग ने संदेहास्पद मानते हुए फोल्डर नहीं जमा करने वाले पंचायत सचिवों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इस क्रम में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थपना के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया। आदेश पत्र में जुलाई 2016 के पूर्व पदस्थापित पंचायत सचिव के विरूद्ध लोक सेवक होते हुए भी सरकारी आदेश अवज्ञा, धोखाधड़ी कर सरकारी अभिलेख छुपाकर गायब करने का गंभीर आरोप माना गया है।
इन पंचायत सचिव पर गिरी है गाज

प्रखंड क्षेत्र के नयानगर, रहटा फनहन और किशुनगंज पंचायत के पंचायत सचिव अंजनी कुमार, बुधमा और खाड़ा पंचायत के पंचायत सचिव ¨बदेश्वरी राम, बराही आनंदपुरा के पंचायत सचिव विनय कुमार राम, लक्ष्मीपुर और बीडर रणपाल पंचायत के पंचायत सचिव जयजय राम ¨सह, रामपुर खोरा और गोपालपुर पंचायत के सचिव अजीत कुमार ¨सह लश्करी पंचायत के पंचायत सचिव इंद्रभूषण कुमार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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