कैमूर। जिले के सरकारी विद्यालयों में वरीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक
का प्रभार दिलाने को ले कर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा दिये गये समय सीमा
के समाप्ति के बावजूद अब तक बीईओ द्वारा कोई प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया।
जबकि इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा स्वयं संज्ञान लिया गया था।
बता दें कि चैनपुर प्रखंड के बरडींहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापिका रनीता कुमारी को शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाध्यापिका के पद से इसलिए हटा दिया गया था वह कनीय शिक्षिका थी। जिसके बाद रनीता कुमारी द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन दे कर गुहार लगाया गया था कि उसे दुर्भावना वश बीईओ द्वारा प्रधानाध्यापिका के पद से हटाया गया है। क्योंकि चैनपुर प्रखंड के 20 सरकारी विद्यालयों में कनीय शिक्षक प्रधानाध्यापक के प्रभार में चल रहे हैं। लेकिन उनके उपर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
आवेदन पर जिलाधिकारी द्वारा संज्ञान लेते हुए मामले की जांच जिला योजना पदाधिकारी द्वारा करायी गयी। जिला योजना पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन में यह खुलासा हुआ कि चैनपुर प्रखंड के 7 विद्यालयों में कनीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया गया । जिसके बाद 10 जुलाई को डीएम कैमूर द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिले के सरकारी विद्यालयों में वरीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिलाना सुनिश्चित किया जाए। जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 24 अगस्त को सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर के वरीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिलाने का निर्देश दिया गया।
इधर इस मामले में बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी रामराज प्रसाद से पूछे जाने पर कि अब तक कितने विद्यालयों में कनीय शिक्षकों से वरीय पदाधिकारियों को प्रभार दिलवाया गया और कितने विद्यालय अभी कनीय शिक्षकों के प्रभार में चल रहें हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रखंड विकास पदाधिकारियों का प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। यह पूछे जाने पर कि प्रतिवेदन देने का समय सीमा कब तक थी, तो उनके द्वारा बताया गया कि एक सप्ताह का समय दिया गया था।
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बता दें कि चैनपुर प्रखंड के बरडींहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापिका रनीता कुमारी को शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाध्यापिका के पद से इसलिए हटा दिया गया था वह कनीय शिक्षिका थी। जिसके बाद रनीता कुमारी द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन दे कर गुहार लगाया गया था कि उसे दुर्भावना वश बीईओ द्वारा प्रधानाध्यापिका के पद से हटाया गया है। क्योंकि चैनपुर प्रखंड के 20 सरकारी विद्यालयों में कनीय शिक्षक प्रधानाध्यापक के प्रभार में चल रहे हैं। लेकिन उनके उपर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
आवेदन पर जिलाधिकारी द्वारा संज्ञान लेते हुए मामले की जांच जिला योजना पदाधिकारी द्वारा करायी गयी। जिला योजना पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन में यह खुलासा हुआ कि चैनपुर प्रखंड के 7 विद्यालयों में कनीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया गया । जिसके बाद 10 जुलाई को डीएम कैमूर द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिले के सरकारी विद्यालयों में वरीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिलाना सुनिश्चित किया जाए। जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 24 अगस्त को सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर के वरीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिलाने का निर्देश दिया गया।
इधर इस मामले में बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी रामराज प्रसाद से पूछे जाने पर कि अब तक कितने विद्यालयों में कनीय शिक्षकों से वरीय पदाधिकारियों को प्रभार दिलवाया गया और कितने विद्यालय अभी कनीय शिक्षकों के प्रभार में चल रहें हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रखंड विकास पदाधिकारियों का प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। यह पूछे जाने पर कि प्रतिवेदन देने का समय सीमा कब तक थी, तो उनके द्वारा बताया गया कि एक सप्ताह का समय दिया गया था।
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