मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की
महत्त्वाकांक्षी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को राज्य स्तरीय बैंकर्स
समिति (एसएलबीसी) ने मंजूरी दे दी है। बुधवार को एसएलबीसी की 57वीं बैठक
में यह योजना सर्वसम्मति से पारित हुई।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के सात निश्चय में एक आर्थिक हल युवाओं का बल के तहत बनी है।
योजना में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए 12वीं पास विद्यार्थियों को चार
लाख तक लोन मिलेगा। लोन के दायरे में संस्थानों की फीस, रहने-खाने और पाठ्य
सामग्री के खर्च शामिल किए जाएंगे।
इस योजना में बैंकों को लोन और ब्याज
दोनों राशि की गारंटी राज्य सरकार देगी। लोन पर करीब 10 फीसदी ब्याज लगेगा।
जल्द ही राज्य कैबिनेट की स्वीकृति इस पर ली जाएगी। योजना इसी साल 02
अक्टूबर से लागू होगी। पहले साल पांच लाख विद्यार्थियों को लोन देने का
लक्ष्य है। हर साल एक लाख का लक्ष्य बढ़ेगा। हालांकि इससे अधिक विद्यार्थी
आएंगे तो उन्हे भी लोन मिलेगा।
विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए
जाएंगे। इसके लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है। आवेदन की
जांच और सत्यापन की जिम्मेदारी एजेंसी को दी जाएगी। एजेंसी की सहमति के बाद
विद्यार्थी को संबंधित कागजात के साथ जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र पर
आने के लिए तिथि तय की जाएगी। यह जानकारी विद्यार्थी को ई-मेल और एसएमएस से
दी जाएगी।
शैक्षणिक संस्थान में हॉस्टल की सुविधा
नहीं होगी तो विद्यार्थियों को रहने खाने के लिए भी लोन मिलेंगे। इसके लिए
शहरों का वर्गीकरण किया गया है। हैदराबाद, दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलूरू,
ग्रेटर मुंबई, पुणे, चेन्नई और कोलकाता ए ग्रेड में हैं। यहां रहने, खाने
के लिए पांच हजार रुपए प्रतिमाह मिलेगा। बी ग्रेड के शहरों में चार हजार और
सी ग्रेड के शहरों-गावों में तीन हजार के हिसाब से खर्च मिलेगा। बी ग्रेड
के शहरों में बिहार का एक शहर पटना है। पाठ्यपुस्तक और अन्य पठन-पाठन
सामग्री के लिए दस हजार सालाना मिलेंगे।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत
डिफॉल्टर होने पर लोन का 75 फीसदी केंद्र सरकार और 25 फीसदी बिहार सरकार को
गारंटी देने का प्रावधान किया जाना था। लेकिन लोन की गारंटी देने पर
केंद्र सरकार सहमत नहीं हुई। इसके बाद बिहार सरकार ने लोन की 100 फीसदी
राशि और ब्याज की गारंटी बैंकों को देने का फैसला किया।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में शिक्षा
विभाग के साथ बैंकों का होगा करार। आवदेन देने के समय विद्यार्थी की उम्र
25 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र पर
विद्यार्थियों का आधार कार्ड भी बनेगा। भुगतान के पहले आवेदक को पैन विवरणी
निबंधन एवं परामर्श केंद्र को देना अनिवार्य होगा। जिले के अग्रणी बैंक इस
योजना के नोडल बैंक के रूप में कार्य करेंगे। बैंकों के मूल्यांकन के लिए
इस योजना पर 50 फीसदी अंक निर्धारित होंगे।
बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने
मीडिया को बताया कि इस योजना के तहत विद्यार्थियों को लोन देने के मामले
में बैंकों की बहानेबाजी नहीं चलेगी। अर्हता रखने वाले विद्यार्थी को हर
हाल में लोन देना होगा। लोन नहीं देने और देर करने का इसमें विकल्प नहीं
होगा।
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