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प्रोन्नति के लिए पैरवी कराने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

सीतामढ़ी। स्नातक ग्रेड व प्रधानाध्यापक पद के लिए शिक्षकों द्वारा नेताओं से पैरवी कराई जा रही है। जबकि विभागीय संकल्प में इस तरह के गतिविधियों के लिए कार्रवाई का प्रावधान है। सूत्रों की मानें तो प्रोन्नति के लिए करीब 200 शिक्षक व शिक्षिकाओं ने सांसद, विधायक व विधान पार्षद से पत्र लिखवाकर पदाधिकारियों पर दबाब बनाया है।
जानकारी के अनुसार प्रधानाध्यापक पद के लिए 324, स्नातक ग्रेड कला में प्रोन्नति के लिए 326 तथा स्नातक ग्रेड विज्ञान में प्रोन्नति के लिए 41 शिक्षक व शिक्षिकाओं का नाम चयनित किया गया है। इनमें से 200 शिक्षक व शिक्षिकाओं ने विधायक, सांसद व विधान पार्षद से पैरवी पत्र भिजवाकर पदाधिकारियों पर दबाब बनाया है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला मंत्री सत्यनारायण राय ने विभागीय संकल्प का हवाला देते हुए डीईओ से कार्रवाई की मांग की है। कहा है कि संकल्प पत्रांक 434 दिनांक 1 मार्च 2007 में अंकित कंडिका 1 की उपकंडिका ग एवं घ में अंकित है कि कोई कर्मचारी अपने स्थानांतरण अथवा पदस्थापन में बाह्य व्यक्ति से सिफारिश कराते है या प्रभाव डालने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें अपने आचरण के संबंध में स्पष्टीकरण देने का मौका देकर यह बात उनकी चरित्र पुस्तिका में दर्ज कर दी जाए और इसे अमान्य कर दिया जाय। कहा है कि उक्त संकल्प में अंकित आदेश का अनुपालन करते हुए प्रधानाध्ण्यापक पद पर होने वाली प्रोन्नति उपरांत पदस्थापन किया जाए।
क्या है संकल्प पत्र में

बिहार सरकार मंत्रीमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग के पत्रांक 434 दिनांक 1 मार्च 2007 के अनुसार यदि कोई पदाधिकारी अपने स्थानांतरण अथवा पदस्थापन के संबंध में बाह्य व्यक्ति से सिफारिश कराते है या प्रभाव डालने का प्रयास करते है तो उन्हें अपने आचरण के संबंध में स्पष्टीकरण देने का मौका देकर यह बात उनकी चरित्र पुस्ति में दर्ज कर दी जाएगी। सरकारी सेवकों द्वारा सीधे विभागीय मंत्री को स्थानांतरण अथवा पदस्थापन के संबंध में प्रार्थना पत्र संबोधित किये जाने की पद्धति अनियमित है। एवं इसे अमान्य कर दिया जाए। परन्तु यदि पदाधिकारी द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर संबंधित विभाग अथवा पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही हो अथवा विलम्ब किया जा रहा हो तो ऐसे विलम्ब के विरुद्ध विभागीय मंत्री को अभ्यावेदन दिया जा सकता है।
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