भागलपुर/पटना :
अब तक निगरानी विभाग द्वारा नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक
प्रमाणपत्र की ही जांच की जा रही थी. अब निगरानी के पदाधिकारी नियोजन के
दौरान नियोजन इकाई द्वारा तैयार की गयी मेधा सूची भी जांच करेंगे. बुधवार
को बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ डीएस गंगवार ने भागलपुर
सहित राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व स्थापना शाखा के जिला कार्यक्रम
पदाधिकारी को निर्देशित किया है. अब तक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर
नौकरी कर रहे पकड़ में आये शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, लेकिन प्रधान सचिव द्वारा
जारी किये गये पत्र के अनुसार शिक्षकों को नौकरी देनेवाली अब नियोजन इकाई
के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होनी है.
पत्र में कहा गया कि समीक्षा के दौरान विभाग काे नियोजन इकाई के
द्वारा शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.
जांच के दौरान जमा किये गये शैक्षणिक व अप्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के अंक
नहीं मिल रहे हैं. इसे लेकर निगरानी विभाग अब शिक्षक नियोजन इकाई के द्वारा
तैयार की गयी मेधा सूची की भी जांच करेगी. प्रधान सचिव ने कहा कि जिन
शिक्षकों का अबतक शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र का फोल्डर नियोजन
इकाई से प्राप्त नहीं हुआ है,
विभाग के अधिकारी शेष फोल्डर को निगरानी विभाग को अविलंब उपलब्ध
करायें. पत्र में कहा गया है कि 30 जुलाई तक शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण
पत्र का फोल्डर व मेधा सूची संबंधित नियोजन इकाई के द्वारा जमा नहीं किया
जाता है, तो उस नियोजन इकाई पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए
निगरानी विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी को कानूनी कार्रवाई करने के लिए
कहा गया है.
डीइओ फूलबाबू चौधरी ने बताया कि अब तक प्रधान सचिव का पत्र विभाग को
नहीं मिला है. पत्र मिलते ही आगे की प्रक्रिया अविलंब शुरू कर दी जायेगी.
नियोजन इकाई से अविलंब शिक्षकों की मेधा सूची जमा करने के लिए कहा जायेगा.
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