पटना :
निगरानी विभाग को सर्टिफिकेट की जांच के लिए अब तक 73 हजार प्रारंभिक
शिक्षकों के फोल्डर नियोजन इकाइयों से नहीं मिल सके हैं. इस पर शिक्षा
विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला
कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को निर्देश दिया है कि जो नियोजन इकाई
शिक्षकों के फोल्डर व मेधा सूची नहीं देती है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
करायी जाये.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डाॅ डीएस गंगवार ने निर्देश दिया है कि
डीइओ-डीपीओ 30 जुलाई तक बचे शिक्षकों के फोल्डर और मेधा सूची नियोजन
इकाइयों से लेकर उसे निगरानी विभाग के प्रतिनियुक्ति पुलिस पदाधिकारी को दे
दें.
इस दौरान जो नियोजन इकाई अगर ये उपलब्ध नहीं कराते हैं, तो उन पर
स्थानीय थाने में एफआइआर दर्ज करायी जाये साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक
कार्रवाई की अनुशंसा संबंधित जिलाधिकारी से की जाये और इसकी सूचना निगरानी
विभाग को दी जाये. इसके बाद निगरानी को सारे फोल्डर दिये जाने की सूचना के
साथ सभी डीइओ-डीपीओ की बैठक एक अगस्त को शिक्षा विभाग में होगी. इस मामले
में डीइओ, डीपीओ, बीइओ या फिर अन्य पदाधिकारी शिथिलता बरतेंगे, तो उनके
खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
19 जुलाई को पटना हाइकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें
कोर्ट ने निगरानी को दो महीने में मामले का निबटाने का निर्देश दिया है.
अब तक करीब दो लाख शिक्षकों के फोल्डर निगरानी विभाग को दे दिये गये
हैं, जबकि करीब 50 हजार शिक्षकों के फोल्डर जिलों में आ गये हैं. इसे
निगरानी विभाग को ले लेने का हाइकोर्ट ने भी निर्देश दिया है. इसके अलावा
जो बचे शिक्षक हैं, उनका फोल्डर जल्द-से-जल्द लेने को कहा गया है.
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