देवघर : देवघर में शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद डीसी द्वारा गठित उच्चस्तरीय टीम ने अभ्यर्थियों के टेट प्रमाण पत्रों की जांच की. अबतक जांच में 18 नवचयनित शिक्षकों का टेट प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. उच्चस्तरीय टीम के अध्यक्ष डीडीसी मीना ठाकुर की अगुवाई में जांच अभी चल रही है.
जांच कमेटी में सदस्य सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर हैं. सदस्य के रूप में राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम देवघर के निदेशक, स्थापना उपसमाहर्ता देवघर, सिविल सर्जन देवघर एवं जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी देवघर शामिल हैं. फर्जी टेट प्रमाण पत्र का खुलासा होने के बाद नवचयनित शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है. मोहनपुर प्रखंड के एक विद्यालय में फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत एक नवनियुक्त शिक्षक ने इस्तीफा दे दिया है. देवघर में नौ चरण के काउंसेलिंग में इंटर एवं स्नातक प्रशिक्षित 626 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. अबतक 599 अभ्यर्थियों ने योगदान किया है. योगदान करने वाले सभी नवचयनित शिक्षकों को विभागीय निर्देश पर विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है.
18 मई को बनी थी जांच टीम
शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद डीसी देवघर ने 18 मई को डीडीसी देवघर की अगुवाई में पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम जांच के लिए गठित किया था. उच्चस्तरीय जांच टीम को छह सप्ताह यानी सात जुलाई जांच रिपेार्ट सुपुर्द करना था. लेकिन, तकनीकी कारण से टीम ने जांच पूरी नहीं की थी. उच्चस्तरीय टीम को निर्देश दिया गया था कि सभी 599 पदस्थापित शिक्षकों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थान अथवा प्राधिकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जांच पूरी करें.
हो चुकी है प्राथमिकी और निलंबन
शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला का उदभेदन दंडाधिकारी के जांच रिपोर्ट से हुआ था. दंडाधिकारी के जांच रिपोर्ट के आधार पर डीसी देवघर ने प्राथमिकी दर्ज का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर को दिया था. डीसी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर ने 04.05.16 को नगर थाना देवघर में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी के आधार पर क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय देवघर के लिपिक मनीष कुमार एवं संतोष कुमार को निलंबित कर दिया था. मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड के सचिव ने जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर सुधांशु शेखर मेहता को शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा के मामले में निलंबित कर दिया था.
कहती हैं डीडीसी
अब तक हुई जांच के दौरान कुल 18 अभ्यर्थियों का टेट सर्टिफिकेट फरजी पाया गया है. इसमें एक अभ्यर्थी ने इस्तीफा भी दे दिया है. जल्द ही फरजी अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू होगी. फिलहाल श्रावणी मेला में जांच टीम के तकनीकी पदाधिकारी की ड्युटी लगी हुई, इसलिए इसमें थोड़ी देरी हो रही है. मेला से कार्य से मुक्त होने के बाद अगली कार्रवाई शुरू होगी.
मीना ठाकुर, डीडीसी सह अध्यक्ष जांच कमेटी, देवघर
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जांच कमेटी में सदस्य सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर हैं. सदस्य के रूप में राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम देवघर के निदेशक, स्थापना उपसमाहर्ता देवघर, सिविल सर्जन देवघर एवं जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी देवघर शामिल हैं. फर्जी टेट प्रमाण पत्र का खुलासा होने के बाद नवचयनित शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है. मोहनपुर प्रखंड के एक विद्यालय में फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत एक नवनियुक्त शिक्षक ने इस्तीफा दे दिया है. देवघर में नौ चरण के काउंसेलिंग में इंटर एवं स्नातक प्रशिक्षित 626 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. अबतक 599 अभ्यर्थियों ने योगदान किया है. योगदान करने वाले सभी नवचयनित शिक्षकों को विभागीय निर्देश पर विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है.
18 मई को बनी थी जांच टीम
शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद डीसी देवघर ने 18 मई को डीडीसी देवघर की अगुवाई में पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम जांच के लिए गठित किया था. उच्चस्तरीय जांच टीम को छह सप्ताह यानी सात जुलाई जांच रिपेार्ट सुपुर्द करना था. लेकिन, तकनीकी कारण से टीम ने जांच पूरी नहीं की थी. उच्चस्तरीय टीम को निर्देश दिया गया था कि सभी 599 पदस्थापित शिक्षकों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थान अथवा प्राधिकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जांच पूरी करें.
हो चुकी है प्राथमिकी और निलंबन
शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला का उदभेदन दंडाधिकारी के जांच रिपोर्ट से हुआ था. दंडाधिकारी के जांच रिपोर्ट के आधार पर डीसी देवघर ने प्राथमिकी दर्ज का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर को दिया था. डीसी के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर ने 04.05.16 को नगर थाना देवघर में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी के आधार पर क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय देवघर के लिपिक मनीष कुमार एवं संतोष कुमार को निलंबित कर दिया था. मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड के सचिव ने जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर सुधांशु शेखर मेहता को शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़ा के मामले में निलंबित कर दिया था.
कहती हैं डीडीसी
अब तक हुई जांच के दौरान कुल 18 अभ्यर्थियों का टेट सर्टिफिकेट फरजी पाया गया है. इसमें एक अभ्यर्थी ने इस्तीफा भी दे दिया है. जल्द ही फरजी अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू होगी. फिलहाल श्रावणी मेला में जांच टीम के तकनीकी पदाधिकारी की ड्युटी लगी हुई, इसलिए इसमें थोड़ी देरी हो रही है. मेला से कार्य से मुक्त होने के बाद अगली कार्रवाई शुरू होगी.
मीना ठाकुर, डीडीसी सह अध्यक्ष जांच कमेटी, देवघर
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