मुजफ्फरपुर में शिक्षक बहाली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिन
शिक्षकों का सर्टिफिकेट सत्यापित कराकर फोल्डर में सौंपा गया, उनका नाम
नियोजन इकाई की मेधा सूची में है ही नहीं। इससे शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े
में नियोजन इकाई के साथ विभागीय अधिकारी भी फंस रहे हैं।
साहेबंगज, पारू समेत कई प्रखंडों में इस तरह के मामले सामने आने से विभाग में हड़कंप मच गया है।
बहाली फर्जीवाड़े की जांच में जुटी निगरानी टीम ने सभी नियोजन इकाई से दो माह पूर्व बहाली से संबंधित मेधा सूची-रोस्टर मांगा था। मेधा सूची से सर्टिफिकेट का मिलान शुरू किया गया। अब तक दो दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक मिले हैं, जिनका नाम सूची में नहीं हैं। हालांकि नियोजन इकाई से लेकर अधिकारियों तक ने इनका सर्टिफिकेट सत्यापित कर निगरानी को सौंपा था, मगर जब मेधा सूची की जांच की गयी तो इनका नाम उसमें पाया ही नहीं गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सूची में अभ्यर्थी का नाम था ही नहीं तो उनकी बहाली कैसे कर दी गयी।
निगरानी जांच के दौरान प्लस 2 स्कूल के शिक्षक सिद्धि विनायक झा पर दिसम्बर 2015 में फर्जी प्रमाण पत्र के आलोक में एफआईआर करायी गयी। जिले से सौंपे गए मास्टर चार्ट के अनुसार श्री झा का नियोजन इकाई नगर निगम है, मगर नगर निगम ने जिला पुलिस को सूचित किया है कि उनकी बहाली इस नियोजन इकाई में हुई ही नहीं। निगरानी ने डीपीओ स्थापना नीता पांडेय को इस संबंध में पत्र लिखा है कि छह महीने बाद भी संबंधित शक्षिक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी।
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साहेबंगज, पारू समेत कई प्रखंडों में इस तरह के मामले सामने आने से विभाग में हड़कंप मच गया है।
बहाली फर्जीवाड़े की जांच में जुटी निगरानी टीम ने सभी नियोजन इकाई से दो माह पूर्व बहाली से संबंधित मेधा सूची-रोस्टर मांगा था। मेधा सूची से सर्टिफिकेट का मिलान शुरू किया गया। अब तक दो दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक मिले हैं, जिनका नाम सूची में नहीं हैं। हालांकि नियोजन इकाई से लेकर अधिकारियों तक ने इनका सर्टिफिकेट सत्यापित कर निगरानी को सौंपा था, मगर जब मेधा सूची की जांच की गयी तो इनका नाम उसमें पाया ही नहीं गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सूची में अभ्यर्थी का नाम था ही नहीं तो उनकी बहाली कैसे कर दी गयी।
निगरानी जांच के दौरान प्लस 2 स्कूल के शिक्षक सिद्धि विनायक झा पर दिसम्बर 2015 में फर्जी प्रमाण पत्र के आलोक में एफआईआर करायी गयी। जिले से सौंपे गए मास्टर चार्ट के अनुसार श्री झा का नियोजन इकाई नगर निगम है, मगर नगर निगम ने जिला पुलिस को सूचित किया है कि उनकी बहाली इस नियोजन इकाई में हुई ही नहीं। निगरानी ने डीपीओ स्थापना नीता पांडेय को इस संबंध में पत्र लिखा है कि छह महीने बाद भी संबंधित शक्षिक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी।