मुजफ्फरपुर। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल शिक्षकों का वेतन रोकने
में शिक्षा विभाग विफल साबित हो रहा है। तमाम सख्ती के बावजूद उनको भुगतान
किया जा रहा है। जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पंचायत, प्रखंड व
नगर शिक्षकों की बहाली हुई थी।
शिक्षा माफिया फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बहाली कराने में सफल रहे। सबसे अधिक शिकायतें पंचायत शिक्षकों की बहाली में मिलीं। दूसरी ओर फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर भी नियुक्ति हुई।
जिले के मीनापुर, मुशहरी, पारू, कांटी, साहेबगंज, कुढ़नी व कटरा सहित कई प्रखंडों में गलत ढंग से बहाली की बात सामने आई है। मीनापुर प्रखंड में तो अधिकांश शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ियां हैं। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक विमला कुमारी ने फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर बहाली की जानकारी मिलने के बाद जांच का आदेश दिया है। आदेश जारी हुए कई माह गुजर गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने मंडल के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ स्थापना को टीईटी अंक पत्र की जांच के बाद भुगतान का निर्देश दिया है।
प्रखंड शिक्षा अधिकारी
को देना होगा शपथ पत्र
फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर बहाल शिक्षकों के वेतन भुगतान मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारियों पर शिकंजा कसने लगा है। यदि ऐसे किसी भी शिक्षक को भुगतान किया जाता है तो प्रखंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को शपथ पत्र देने का निर्देश देते हुए कहा है कि सीडी से मिलान के बाद ही टीईटी शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जाए। मुजफ्फरपुर, वैशाली, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व शिवहर जिले में फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र व अंक पत्र के आधार पर बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली हो चुकी है।
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शिक्षा माफिया फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बहाली कराने में सफल रहे। सबसे अधिक शिकायतें पंचायत शिक्षकों की बहाली में मिलीं। दूसरी ओर फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर भी नियुक्ति हुई।
जिले के मीनापुर, मुशहरी, पारू, कांटी, साहेबगंज, कुढ़नी व कटरा सहित कई प्रखंडों में गलत ढंग से बहाली की बात सामने आई है। मीनापुर प्रखंड में तो अधिकांश शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ियां हैं। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक विमला कुमारी ने फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर बहाली की जानकारी मिलने के बाद जांच का आदेश दिया है। आदेश जारी हुए कई माह गुजर गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने मंडल के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ स्थापना को टीईटी अंक पत्र की जांच के बाद भुगतान का निर्देश दिया है।
प्रखंड शिक्षा अधिकारी
को देना होगा शपथ पत्र
फर्जी टीईटी अंक पत्र के आधार पर बहाल शिक्षकों के वेतन भुगतान मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारियों पर शिकंजा कसने लगा है। यदि ऐसे किसी भी शिक्षक को भुगतान किया जाता है तो प्रखंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को शपथ पत्र देने का निर्देश देते हुए कहा है कि सीडी से मिलान के बाद ही टीईटी शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जाए। मुजफ्फरपुर, वैशाली, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व शिवहर जिले में फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र व अंक पत्र के आधार पर बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली हो चुकी है।
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