कैमूर। मोहनियां प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने के लिए बीडीओ ने बड़ा कदम उठाया है। शिक्षकों के गैर शिक्षण कार्यो में लगाये जाने से विद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था में गिरावट आती रही है। जिसको लेकर अभिभावक वरीय पदाधिकारियों से शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यो में नहीं लगाये जाने की गुहार लगाते रहे हैं।
ज्ञात हो कि मोहनियां प्रखंड में बीएलओ का 154 पद है। सभी पर सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को तैनात किया गया था। हर चुनाव में बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाता सूची से संबंधित जानकारी लेनी पड़ती थी। इस कार्य में व्यस्त होने के कारण शिक्षक विद्यालय से गायब रहते थे। लंबे समय से यह सिलसिला जारी था। जिन शिक्षकों की पढ़ाई में रूचि नहीं है उनके लिए यह आरामदायक था। लेकिन जो शिक्षक शिक्षण कार्य को ही अपना दायित्व व कर्तव्य मानते हैं उनके लिए गैर शिक्षण कार्य कष्टदायक था। पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद मोहनियां के बीडीओ अरूण सिंह प्रखंड में गिरती शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने एक साथ 81 शिक्षकों को बीएलओ के पद से मुक्त कर दिया है। उनकी जगह पर 42 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 28 टोला सेवक, 2 तालीमी मरकज व 9 विकास मित्रों को बीएलओ की जिम्मेवारी सौंपी है। बीडीओ ने बताया कि प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए यह कदम उठाया गया है। गर्मी की छुट्टी समाप्त होने के बाद विद्यालयों में शिक्षा के स्तर की जांच की जायेगी। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। बीएलओ के कार्य में शिक्षकों को लगाये जाने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसे ठीक करने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करना होगा।
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ज्ञात हो कि मोहनियां प्रखंड में बीएलओ का 154 पद है। सभी पर सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को तैनात किया गया था। हर चुनाव में बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाता सूची से संबंधित जानकारी लेनी पड़ती थी। इस कार्य में व्यस्त होने के कारण शिक्षक विद्यालय से गायब रहते थे। लंबे समय से यह सिलसिला जारी था। जिन शिक्षकों की पढ़ाई में रूचि नहीं है उनके लिए यह आरामदायक था। लेकिन जो शिक्षक शिक्षण कार्य को ही अपना दायित्व व कर्तव्य मानते हैं उनके लिए गैर शिक्षण कार्य कष्टदायक था। पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद मोहनियां के बीडीओ अरूण सिंह प्रखंड में गिरती शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने एक साथ 81 शिक्षकों को बीएलओ के पद से मुक्त कर दिया है। उनकी जगह पर 42 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 28 टोला सेवक, 2 तालीमी मरकज व 9 विकास मित्रों को बीएलओ की जिम्मेवारी सौंपी है। बीडीओ ने बताया कि प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए यह कदम उठाया गया है। गर्मी की छुट्टी समाप्त होने के बाद विद्यालयों में शिक्षा के स्तर की जांच की जायेगी। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। बीएलओ के कार्य में शिक्षकों को लगाये जाने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसे ठीक करने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करना होगा।
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