गया : नियोजित शिक्षकों के साथ- साथ अब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों व पंचायत सचिवों पर भी तलवारें लटकने लगी हैं. शिक्षा विभाग ने अब बीइअो व पंचायत सचिव के विरुद्ध तेवर तल्ख किया है. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा.
यह फैसला समय सीमा के भीतर नियोजित शिक्षकों की मेधा सूची, आवेदन संग्रह पंजी, रोस्टर, चयनित सूची निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को नहीं सौंपे जाने की वजह से लिया गया है. शिक्षा विभाग ने इस बाबत लिखित आदेश जारी कर दिया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और पंचायत सचिव को एक सप्ताह का समय दिया गया है.
दरअसल, निगरानी विभाग ने जांच के मद्देनजर शिक्षा विभाग से नियोजित प्रखंड व पंचायत शिक्षकों के आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने की बात कही थी. लेकिन उनकी मांग की बार- बार किसी न किसी स्तर पर अनदेखी की जा रही थी. इसकी वजह से जांच में असुविधा का सामना करना पड़ रहा था. निगरानी के सख्त होने के बाद अब शिक्षा विभाग भी जिले भर के बीइओ व पंचायत सचिवों के खिलाफ हरकत में आ गया है.
बीते दिनों निदेशक स्तर पर हुई बैठक में सख्त हिदायत दी गयी थी कि एक सप्ताह के भीतर बीइओ द्वारा पंचायत सचिवों ने कागजात विभाग को प्रस्तुत नहीं किये, तो नोडल अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाये. गौरतलब है कि प्रदेश स्तर पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में बड़े स्तर पर धांधली हुई है. फर्जी दस्तावेज के आधार पर बड़ी संख्या में लोगों को नियुक्ति की गयी है. मामले की जांच निगरानी ब्यूरो कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि ब्यूरो ने कई दफा कागजात पेश करने की बात कही, लेकिन जिला शिक्षा विभाग अब तक कागजात पेश नहीं कर सका है. इसकी वजह से जांच परवान नहीं चढ़ रहा.
सूत्रों का कहना है कि जिले भर में करीब 15 हजार प्रखंड व पंचायत शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज की बदौलत नियुक्ति पायी है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) प्रियनंदन का कहना है कि इस बाबत लिखित आदेश जारी कर दिये गये हैं. एक सप्ताह का समय दिया गया है. इसके बाद बीइओ और पंचायत सचिव को नहीं बख्शा जायेगा. नोडल अधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया जायेगा.
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यह फैसला समय सीमा के भीतर नियोजित शिक्षकों की मेधा सूची, आवेदन संग्रह पंजी, रोस्टर, चयनित सूची निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को नहीं सौंपे जाने की वजह से लिया गया है. शिक्षा विभाग ने इस बाबत लिखित आदेश जारी कर दिया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और पंचायत सचिव को एक सप्ताह का समय दिया गया है.
दरअसल, निगरानी विभाग ने जांच के मद्देनजर शिक्षा विभाग से नियोजित प्रखंड व पंचायत शिक्षकों के आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने की बात कही थी. लेकिन उनकी मांग की बार- बार किसी न किसी स्तर पर अनदेखी की जा रही थी. इसकी वजह से जांच में असुविधा का सामना करना पड़ रहा था. निगरानी के सख्त होने के बाद अब शिक्षा विभाग भी जिले भर के बीइओ व पंचायत सचिवों के खिलाफ हरकत में आ गया है.
बीते दिनों निदेशक स्तर पर हुई बैठक में सख्त हिदायत दी गयी थी कि एक सप्ताह के भीतर बीइओ द्वारा पंचायत सचिवों ने कागजात विभाग को प्रस्तुत नहीं किये, तो नोडल अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाये. गौरतलब है कि प्रदेश स्तर पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में बड़े स्तर पर धांधली हुई है. फर्जी दस्तावेज के आधार पर बड़ी संख्या में लोगों को नियुक्ति की गयी है. मामले की जांच निगरानी ब्यूरो कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि ब्यूरो ने कई दफा कागजात पेश करने की बात कही, लेकिन जिला शिक्षा विभाग अब तक कागजात पेश नहीं कर सका है. इसकी वजह से जांच परवान नहीं चढ़ रहा.
सूत्रों का कहना है कि जिले भर में करीब 15 हजार प्रखंड व पंचायत शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज की बदौलत नियुक्ति पायी है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) प्रियनंदन का कहना है कि इस बाबत लिखित आदेश जारी कर दिये गये हैं. एक सप्ताह का समय दिया गया है. इसके बाद बीइओ और पंचायत सचिव को नहीं बख्शा जायेगा. नोडल अधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया जायेगा.
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