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बिना शिक्षक के हो रही 10+2 स्कूलों में पढ़ाई

खगड़िया। क्षेत्र में प्लस टू में उत्क्रमित विद्यालयों की दयनीय स्थिति है। सरकारी उदासीनता के कारण 10+2 उत्क्रमित विद्यालयों में नामांकन लेने वाले बच्चों की शिक्षा अधर में है। पढ़ने के लिए न तो वर्ग कक्ष की व्यवस्था है और न पढ़ाने के लिए शिक्षक हैं।
उत्क्रमित होने के बाद भी प्लस टू विद्यालय में प्लस टू के लिए सात साल से कोई व्यवस्था नहीं हुई। प्लस टू के लिए न भवन बना न ही पुस्तकालय। शिक्षकों की नियुक्ति की नियुक्ति भी नहीं हुई।
बीते दो साल से ऐसे विद्यालयों में प्लस टू के बच्चों का नामांकन कराया गया। जिनको अपनी शिक्षा विद्यालय से बाहर रह कर लेना पड़ रहा है। इसी चलते गरीब छात्र-छात्रा को प्लस टू की पढ़ाई पूरी करने के लिए ट्यूशन व कोचिंग में पैसा खर्च करना पड़ रहा है। स्कूलों में प्लस टू योजना को सरकारी स्तर पर वर्ष 2007-08 में उच्च विद्यालय में बच्चों को टेन प्लस टू की पढ़ाई की शुरुआत किए जाने व कालेजों में प्लस टू छात्र की अधिकता को कम करने को लेकर उच्च विद्यालयों को टेन प्लस टू में परिणत करने की योजना लाई गई।
प्रथम चरण में चिन्हित लगभग एक दर्जन उच्च विद्यालय को प्लस टू में उत्क्रमित किया गया। सरकारी योजना अनुसार उन प्लस टू विद्यालय के लिए भवन व पुस्तकालय निर्माण के लिए राशि भी उपलब्ध कराई गई। वहीं, बाद में अगले साल सरकारी स्तर पर शेष बचे लगभग सभी उच्च विद्यालय को भी प्लस टू का दर्जा दे दिया गया। जानें प्लस टू में उत्क्त्रमित उच्च विद्यालयों का हाल
क्षेत्र में योजना के तहत राष्ट्रीय उच्च विद्यालय, पंसारी बालिका उच्च विद्यालय के साथ ही गोगरी व परबत्ता के पाच विद्यालयों को प्लस टू में परिणत किया गया। भवन व पुस्तकालय निर्माण के लिए राशि भी जिला में उपलब्ध कराई गई। इसके बाद अगले वर्ष शेष विद्यालयों को भी भवन व शिक्षक के अभाव के कारण टेन प्लस टू में नामाकन तक नही लिया जा सका। वही, 2012 से इन विद्यालयों में टेन प्लस टू के छात्र-छात्राओं का नामाकन तो लिया गया, पर हाल ये है की शिक्षक के अभाव के कारण प्लस टू के छात्रों का वर्ग संचालन नहीं हो रहा है।
सुनिए क्या कहते हैं जिम्मेवार
मुख्यालय को रिपोर्ट किया गया है। नियोजन से बहुत जल्द शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी।

डॉ. ब्रज किशोर सिंह, डीइओ, खगड़िया
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