चक्रधरपुर :
पश्चिमी सिंहभूम में मैट्रिक व इंटर पास शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से
ग्रेड-1 का लाभ दिलाने की लड़ाई लड़ रहे शिक्षक नेता राजेश कुमार महतो ने
कहा कि ग्रेड-1 की प्रोन्नति में शैक्षणिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है.
बावजूद इसके राज्य सरकार मैट्रिक व इंटर पास शिक्षकों को प्रोन्नति से
वंचित कर रही है.
उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 1994 में आयोजित प्राथमिक शिक्षक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के सफल अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान देने का आदेश हाई कोर्ट ने दिया है. झारखंड उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या डब्ल्यूपी(एस) 638/2006 समेत इसी मामले के अन्य याचिकाओं में हाई कोर्ट ने 8 मार्च 2013 को आदेश पारित किया गया है. जिसमें कहा गया कि ससमय अप्रशिक्षित शिक्षकों को राज्य सरकार प्रशिक्षण नहीं दिला सकी.
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उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 1994 में आयोजित प्राथमिक शिक्षक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के सफल अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान देने का आदेश हाई कोर्ट ने दिया है. झारखंड उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या डब्ल्यूपी(एस) 638/2006 समेत इसी मामले के अन्य याचिकाओं में हाई कोर्ट ने 8 मार्च 2013 को आदेश पारित किया गया है. जिसमें कहा गया कि ससमय अप्रशिक्षित शिक्षकों को राज्य सरकार प्रशिक्षण नहीं दिला सकी.
इसलिए राज्य सरकार को जिम्मेदार मानते हुए नियुक्ति तिथि से ही
अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड-1 का लाभ देने को कहा गया. उक्त आदेश में
कहीं भी उच्च योग्यताधारी होने की शर्त नहीं थी, बल्कि अप्रशिक्षित शब्द
लिखा गया था. लेकिन शिक्षा विभाग ने कोर्ट के आदेश को तोड़ मरोड़ कर केवल
उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को ही प्रोन्नति का लाभ देने का आदेश जारी किया
है. स्नातक व स्नातकोत्तर पास शिक्षक ही लाभ ले रहे हैं. जबकि मैट्रिक व
इंटर पास शिक्षकों को इस लाभ से वंचित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम अहर्ता मैट्रिक थी.
इसलिए जो भी शिक्षक अप्रशिक्षित हैं, उन्हें नियुक्ति तिथि से प्रोन्नति
का लाभ मिलना चाहिए. चाहे वह मैट्रिक पास हो या फिर एमए. उन्होंने बताया कि
यह मामला विधायक प्रदीप यादव, ग्लेन जोसेफ गॉलस्टन व बादल ने झारखंड विधान
सभा में उठाया भी था. विधायकों ने 1987, 1988, 1994, 1999-2000 में
नियुक्त व कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ही ग्रेड-1 का
लाभ देने की अपील सदन से की थी.
श्री महतो ने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय में करीब 150 याचिकाएं
इस संदर्भ में दाखिल की गयी थी. न्यायालय ने एक ही आदेश में सभी याचिकाओं
का फैसला सुना दिया था. श्री महतो ने मैट्रिक व इंटर पास शिक्षकों को अपने
अधिकार के लिए आंदोलन करने को तैयार रहने को कहा है.
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