वैशाली। सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों में प्रस्तावित वेतनमान
को लेकर आक्रोश व्याप्त है। सरकार के गलत नीति-निर्धारण के विरोध में सेवा
पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय
लिया है। शिक्षकों का कहना है कि नियोजित शिक्षकों को दिए जाने वाले
प्रस्तावित वेतनमान में भारी विसंगतियों के कारण सेवा पूर्व प्रशिक्षित
शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
विदित हो कि सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए प्रस्तावित वेतनमान देने का जो इंटरनेट पर प्रारूप निर्धारित किया है, उसमें सिर्फ नियोजित तिथि को ही आधार बनाया गया है। सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रथम नियोजन को ले सर्वोच्च न्यायालय में दायर एलपीसी के शपथ-पत्र में सरकार ने लिखित शर्तों के आधार पर उन्हें प्रशिक्षण की वरीयता तथा निर्धारित उम्र सीमा को शिथिल कर वेतनमान देने की बात कही थी। 1 जुलाई 2006 के प्रस्तावित वेतनमान में जो शिक्षा मित्र पद पर अप्रशिक्षित नियोजित हुए, उनके नियोजन की तिथि 1 जुलाई 2006 के सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों की अनदेखी कर दी गई। जो सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षक अब तक मानदेय में वरीय थे, अब उन्हें प्रस्तावित वेतनमान में वर्ष 2003, 2004, 2005 एवं वर्ष 2006 की 1 जुलाई तक नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों से कम वेतनमान मिलेगा। दक्षता परीक्षा में अनुतीर्ण नियोजित शिक्षकों का वेतनमान भी लगभग एक समान होने की सूचना है। प्रशिक्षण के आधार को समाप्त कर सरकार द्वारा सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों को अपमानित करने की साजिश की है। वहीं यह सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए शपथ पत्र की भी अवमानना है। इस संबंध में सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों ने राज्यपाल को ज्ञापन देने एवं न्याय नहीं मिलने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। आक्रोश व्यक्त करने वालों में सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष सिद्धनाथ ¨सह, ठाकुर संजीव कुमार सुमन, दीनानाथ साह, देवनाथ ¨सह, अनिल कुमार, सतीश कुमार, देवेंद्र पासवान, राम नरेश ¨सह, मनोज कुमार आदि प्रमुख हैं।
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विदित हो कि सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए प्रस्तावित वेतनमान देने का जो इंटरनेट पर प्रारूप निर्धारित किया है, उसमें सिर्फ नियोजित तिथि को ही आधार बनाया गया है। सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रथम नियोजन को ले सर्वोच्च न्यायालय में दायर एलपीसी के शपथ-पत्र में सरकार ने लिखित शर्तों के आधार पर उन्हें प्रशिक्षण की वरीयता तथा निर्धारित उम्र सीमा को शिथिल कर वेतनमान देने की बात कही थी। 1 जुलाई 2006 के प्रस्तावित वेतनमान में जो शिक्षा मित्र पद पर अप्रशिक्षित नियोजित हुए, उनके नियोजन की तिथि 1 जुलाई 2006 के सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों की अनदेखी कर दी गई। जो सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षक अब तक मानदेय में वरीय थे, अब उन्हें प्रस्तावित वेतनमान में वर्ष 2003, 2004, 2005 एवं वर्ष 2006 की 1 जुलाई तक नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों से कम वेतनमान मिलेगा। दक्षता परीक्षा में अनुतीर्ण नियोजित शिक्षकों का वेतनमान भी लगभग एक समान होने की सूचना है। प्रशिक्षण के आधार को समाप्त कर सरकार द्वारा सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों को अपमानित करने की साजिश की है। वहीं यह सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए शपथ पत्र की भी अवमानना है। इस संबंध में सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों ने राज्यपाल को ज्ञापन देने एवं न्याय नहीं मिलने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। आक्रोश व्यक्त करने वालों में सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष सिद्धनाथ ¨सह, ठाकुर संजीव कुमार सुमन, दीनानाथ साह, देवनाथ ¨सह, अनिल कुमार, सतीश कुमार, देवेंद्र पासवान, राम नरेश ¨सह, मनोज कुमार आदि प्रमुख हैं।
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