9300 से 34800 वाले मूल वेतनमान में 4200 से 4800 के ग्रेड पे के साथ सहायक शिक्षक बनाते हुए हम सबको नियमित शिक्षक घोषित करे बिहार सरकार ।
साथियों नमस्कार
बात समझने और आत्मचिंतन करने की है साथ ही साथ इस मुद्दे पर विमर्श करने की भी परम् आवश्यकता है ।पिछली बार महासंघ का अनुभव हमारे लिए अच्छा नहीं रहा । महासंघ के नाम पर हमारे साथ धोखा हुआ। अब अगर यह दुबारा अस्तित्व में आता है तो एक बात का ध्यान रखना होगा कि टेट एस-टेट वालों की मांग जब तक न मानी जाये तब तक सभी शिक्षक संघ पूर्ण रूप से अड़े रहे। क्योंकि हमे नियमित सहायक शिक्षक का दर्जा और 9300 -34800 वाला वेतनमान चाहिए जिसके लिए टेट पास होना अनिवार्य है।क्या सभी संघ इसके लिए तैयार हैं? जो भी शिक्षक साथी ये कहते फिरते हैं की हम सभी तरह के नियोजित शिक्षकों को यानि सबको एक होकर लड़ना चाहिए क्या वो हमें ये सुनिश्चित करेंगे कि और सभी दूसरे नियोजित शिक्षक संघ तब तक पूर्ण हड़ताल पर अनिश्चितकाल तक डटे रहेंगे जब तक हमें सरकार नियमित शिक्षक मानते हुए सहायक शिक्षक का दर्जा देकर मूल वेतनमान यानि 9300 से 34800 का वेतनमान और 4200 से 4800 का ग्रेड पे न दे दे। क्योंकि इसमें गौर करने वाली बात ये है कि इसके लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट)पास होना आर टी इ 2009 के अनुसार नितांत आवश्यक है। अगर इसमें सभी नियोजित शिक्षक हमलोगों के साथ हैं तो हमसब भी सबके साथ हैं नही तो पिछली बार की तरह इस बार हम सब उन दूसरे संघों का हाँथ मजबूत करके उनको फायदा नही पहुंचाएंगे । पिछली बार उन संघों ने हम से साथ लिया और मनमाने तरीके से इस नकली वेतनमान के खेल में अपना अधिक से अधिक वेतन वृद्धि करवाकर हमें अपमानित एवम् कुंठित करने में कोई कसर नही छोड़ी। इस बार अगर वे हमारी एक सूत्री मांग से सहमत होकर हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का वादा नही करते हैं तो हम भी उन्हें किसी प्रकार का कोई सहयोग नही करेंगे बल्कि हम अपनी ताक़त को पुरजोर तरीके से सरकार को दिखाने का प्रयास करेंगे ताकि हमें अपना वास्तविक हक़ मिल सके।
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नोट-----आर टी इ 2009 के प्रावधान के अनुसार सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए आवेदक को टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट निश्चित रूप से उत्तीर्ण होना चाहिए। ध्यान रहे की ये परीक्षा अभी तक बिहार में सिर्फ एक बार ही पहली और अबतक आखिरी बार सन् 2011 में आयोजित की गयी थी।
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समीर सारस्वत
राज्यकार्यकारिणी सदस्य
एवम्
जिलाध्यक्ष Tsunss गया
साथियों नमस्कार
बात समझने और आत्मचिंतन करने की है साथ ही साथ इस मुद्दे पर विमर्श करने की भी परम् आवश्यकता है ।पिछली बार महासंघ का अनुभव हमारे लिए अच्छा नहीं रहा । महासंघ के नाम पर हमारे साथ धोखा हुआ। अब अगर यह दुबारा अस्तित्व में आता है तो एक बात का ध्यान रखना होगा कि टेट एस-टेट वालों की मांग जब तक न मानी जाये तब तक सभी शिक्षक संघ पूर्ण रूप से अड़े रहे। क्योंकि हमे नियमित सहायक शिक्षक का दर्जा और 9300 -34800 वाला वेतनमान चाहिए जिसके लिए टेट पास होना अनिवार्य है।क्या सभी संघ इसके लिए तैयार हैं? जो भी शिक्षक साथी ये कहते फिरते हैं की हम सभी तरह के नियोजित शिक्षकों को यानि सबको एक होकर लड़ना चाहिए क्या वो हमें ये सुनिश्चित करेंगे कि और सभी दूसरे नियोजित शिक्षक संघ तब तक पूर्ण हड़ताल पर अनिश्चितकाल तक डटे रहेंगे जब तक हमें सरकार नियमित शिक्षक मानते हुए सहायक शिक्षक का दर्जा देकर मूल वेतनमान यानि 9300 से 34800 का वेतनमान और 4200 से 4800 का ग्रेड पे न दे दे। क्योंकि इसमें गौर करने वाली बात ये है कि इसके लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट)पास होना आर टी इ 2009 के अनुसार नितांत आवश्यक है। अगर इसमें सभी नियोजित शिक्षक हमलोगों के साथ हैं तो हमसब भी सबके साथ हैं नही तो पिछली बार की तरह इस बार हम सब उन दूसरे संघों का हाँथ मजबूत करके उनको फायदा नही पहुंचाएंगे । पिछली बार उन संघों ने हम से साथ लिया और मनमाने तरीके से इस नकली वेतनमान के खेल में अपना अधिक से अधिक वेतन वृद्धि करवाकर हमें अपमानित एवम् कुंठित करने में कोई कसर नही छोड़ी। इस बार अगर वे हमारी एक सूत्री मांग से सहमत होकर हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का वादा नही करते हैं तो हम भी उन्हें किसी प्रकार का कोई सहयोग नही करेंगे बल्कि हम अपनी ताक़त को पुरजोर तरीके से सरकार को दिखाने का प्रयास करेंगे ताकि हमें अपना वास्तविक हक़ मिल सके।
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नोट-----आर टी इ 2009 के प्रावधान के अनुसार सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए आवेदक को टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट निश्चित रूप से उत्तीर्ण होना चाहिए। ध्यान रहे की ये परीक्षा अभी तक बिहार में सिर्फ एक बार ही पहली और अबतक आखिरी बार सन् 2011 में आयोजित की गयी थी।
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समीर सारस्वत
राज्यकार्यकारिणी सदस्य
एवम्
जिलाध्यक्ष Tsunss गया