सेवा में,
*श्रीमान शिक्षक/शिक्षिकाओं के कर्णधार*
विभिन्न शिक्षक संघ के शीर्ष नेतृत्वकर्ता,
(राज्य स्तर, ज़िला स्तर और प्रखंड स्तर)
विषय:- *विभिन्न शिक्षक संघों को एक दिन, एक मंच से एक मांग हेतु सहमति प्रदान करने के संबंध में*
महाशय/महाशया,
निवेदन पूर्वक कहना है कि बिहार सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते *#समान_काम_समान_वेतन और #राज्यकर्मी_का_दर्जा* नहीं दिया जाना कही न कही शिक्षक संघों के आपसी फूट का नतीजा है।
*कहने को आज की तारीख में बीस से भी ऊपर शिक्षक संघ है। सभी अपनी डफली-अपनी राग का धुन गा रहे हैं। मगर फिर भी हम नियोजित शिक्षक अपने मंज़िल और उद्देश्य से काफी दूर है।* और तो और *#नियोजित* शब्द *एक कलंक_का_टीका* के रूप में हम सब के माथे से चिपक सा गया है।*
आप लोगों की भाषा में हम *फेसबुकिये लोग "*#शिक्षक_चौपाल*" के रूप में आम शिक्षकों के बैठक का आयोजन पटना में किया गया जहाँ बिहार भर के लगभग सभी जिलों से प्रबुद्ध और निष्पक्ष शिक्षक एक जगह बैठे थे। जहाँ सभी शिक्षकों द्वारा सभी संघों को एक साथ एक मंच से महासंघ के रूप में पूर्ण वेतनमान - समान काम, समान वेतनमान और राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने तक सरकार से लड़ने की इच्छा प्रकट किया गया।
अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त बातों पर विचार करते हुए *#नेतागिरी* से ऊपर उठकर *#निष्पक्ष रूप से महासंघ के रूप में लड़ाई लड़ने के इक्छुक सभी संघो के प्रमुख नेतृत्वकर्ता शिक्षक/शिक्षिकाएं आगे जरूर आएं। इसके लिए हम सब शिक्षक आजीवन आभारी रहेंगें।* अन्यथा की स्थिति में जो संघ महासंघ के रूप में लड़ने को तैयार नहीं होंगे, उन्हें शिक्षकों के बीच उनके चेहरे से #नकाब हटा कर बेनकाब करने का काम किया जायेगा।
इसलिए आप सभी का महासंघ के रूप में लड़ाई लड़ने का स्वागत है।
धन्यवाद सहित
शिक्षक चौपाल का एक आम शिक्षक
*श्रीमान शिक्षक/शिक्षिकाओं के कर्णधार*
विभिन्न शिक्षक संघ के शीर्ष नेतृत्वकर्ता,
(राज्य स्तर, ज़िला स्तर और प्रखंड स्तर)
विषय:- *विभिन्न शिक्षक संघों को एक दिन, एक मंच से एक मांग हेतु सहमति प्रदान करने के संबंध में*
महाशय/महाशया,
निवेदन पूर्वक कहना है कि बिहार सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते *#समान_काम_समान_वेतन और #राज्यकर्मी_का_दर्जा* नहीं दिया जाना कही न कही शिक्षक संघों के आपसी फूट का नतीजा है।
*कहने को आज की तारीख में बीस से भी ऊपर शिक्षक संघ है। सभी अपनी डफली-अपनी राग का धुन गा रहे हैं। मगर फिर भी हम नियोजित शिक्षक अपने मंज़िल और उद्देश्य से काफी दूर है।* और तो और *#नियोजित* शब्द *एक कलंक_का_टीका* के रूप में हम सब के माथे से चिपक सा गया है।*
आप लोगों की भाषा में हम *फेसबुकिये लोग "*#शिक्षक_चौपाल*" के रूप में आम शिक्षकों के बैठक का आयोजन पटना में किया गया जहाँ बिहार भर के लगभग सभी जिलों से प्रबुद्ध और निष्पक्ष शिक्षक एक जगह बैठे थे। जहाँ सभी शिक्षकों द्वारा सभी संघों को एक साथ एक मंच से महासंघ के रूप में पूर्ण वेतनमान - समान काम, समान वेतनमान और राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने तक सरकार से लड़ने की इच्छा प्रकट किया गया।
अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त बातों पर विचार करते हुए *#नेतागिरी* से ऊपर उठकर *#निष्पक्ष रूप से महासंघ के रूप में लड़ाई लड़ने के इक्छुक सभी संघो के प्रमुख नेतृत्वकर्ता शिक्षक/शिक्षिकाएं आगे जरूर आएं। इसके लिए हम सब शिक्षक आजीवन आभारी रहेंगें।* अन्यथा की स्थिति में जो संघ महासंघ के रूप में लड़ने को तैयार नहीं होंगे, उन्हें शिक्षकों के बीच उनके चेहरे से #नकाब हटा कर बेनकाब करने का काम किया जायेगा।
इसलिए आप सभी का महासंघ के रूप में लड़ाई लड़ने का स्वागत है।
धन्यवाद सहित
शिक्षक चौपाल का एक आम शिक्षक