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प्रतिनियोजन के नाम पर डीपीओ कर रहे हैं फर्जीवाड़ा!

 छपरा। नगर प्रतिनिधि

सारण जिले में शिक्षकों के प्रतिनियोजन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य सरकार के स्पष्ट दिशा निर्देश के बाद भी प्रतिनियोजन के नाम पर उगाही जारी है। इसको लेकर जिला परिषद परामर्शी समिति की अध्यक्षा मीना

अरुण ने मुख्यमंत्री से लेकर जिला पदाधिकारी को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शारीक असरफ जिला परिषद के अंतर्गत शिक्षक नियोजन के नाम पर काफी संख्या में शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति कर उगाही कर रहे हैं। भिन्न-भिन्न तिथियों को शिक्षकों के प्रतिनियोजन के बारे में पत्र जारी किया गया है। अध्यक्षा ने यह भी कहा है कि डीपीओ द्वारा बड़े पैमाने पर नवसृजित प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के निरीक्षण कर शिक्षकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है और स्पष्टीकरण के नाम पर शिक्षकों को सदेह बुलाया जाता है। डीपीओ के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके पहले डीपीओ के चालक के खिलाफ भी एक शिक्षक ने गंभीर आरोप लगाए थे। डीईओ व एसपी को दिए आवेदन में शिक्षक ने जांच की मांग की थी। एक प्रधानाध्यापक ने भी जिलाधिकारी को आवेदन दिया है। आवेदन में कहा है कि डीपीओ एक ही दिन कई विद्यालयों का जांच करते हैं और स्पष्टीकरण आदेश में भी मनमानापन किया जाता है। मालूम हो कि इसके पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने जब जिला परिषद में चल रही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया का औचक निरीक्षण किया था तो नौ शिक्षक गायब मिले थे। इसके बाद तत्काल रुप से सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया गया था। वही इस संबंध में डीपीओ ने बताया कि आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। शिक्षक नियोजन के लिए अभी मात्र 11 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पत्र है कि प्राइमरी व मिडिल स्कूल की भी जांच डीपीओ कर सकते हैं। चालक के विरुद्ध लगाए गए आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। कोई भी कुछ भी आरोप लगा सकता है।

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