नई दिल्ली. Nishtha Training Programme: स्कूली शिक्षा को मजबूती देने के उद्देश्य से देश भर में नई शिक्षा नीति के तहत निष्ठा कार्यक्रम चलाया गया है. एनसीईआरटी की ओर से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए शुरू किया गया है. प्रदेश में इसको लेकर एससीईआरटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में बिहार के सरकारी प्राथमिक स्कूलों की पहली से पांचवीं कक्षा तक में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दीक्षा पोर्टल पर अनिवार्य ट्रेनिंग लेने को कहा गया है.
इस प्रशिक्षण का मकसद शिक्षकों को अपडेट करना है, जिससे वह बच्चों में किसी चीज को गहराई से सोचने की क्षमता विकसित कर सकें. प्रशिक्षण की इस पहल से स्कूली शिक्षा को मजबूती मिलेगी. राज्य शैक्षिक शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने सभी जिलों से कहा है कि इस ट्रेनिंग को लेकर 26 सितंबर के पहले वे जिला स्तर पर कार्यक्रम समन्वयक एवं टेक्निकल टीम का गठन निश्चित रूप से कर लें. सभी प्राथमिक शिक्षकों को 30 सितंबर तक दीक्षा एप पर निबंधन करना अनिवार्य कर दिया गया है.
बता दें कि एससीईआरटी ने निष्ठा (3.0) के सफल संचालन के लिए राज्यस्तर पर एक 10 सदस्यीय टीम का गठन किया है. इसमें डॉ. अर्चना, नीरज कुमार, नूतन सिंह, डॉ. राधे रमण प्रसाद, गोपीकांत चौधरी, हर्ष प्रकाश सुमन, राहुल, रणधीर कुमार, अविनाश कलगात और विवेक कुमार शामिल हैं. यह टीम निष्ठा ट्रेनिंग को क्रियान्वित करेगी.
निष्ठा ट्रेनिंग करने के लिए ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
- निष्ठा (3.0) के प्रत्येक कोर्स करने की अवधि 4 से 5 घंटे है.
- प्रत्येक कोर्स के अंत में मूल्यांकन दिया गया है जिसमें 70% मार्क्स लाना जरूरी है.
- 70% मार्क्स ना आने की स्थिति में कोर्स कंप्लीट नहीं होगा और सर्टिफिकेट जनरेट नहीं होगा.
- मूल्यांकन के लिए प्रत्येक कोर्से में 3 मौके दिए जाएंगे और तीनों प्रयास में अगर शिक्षक 70% मार्क्स नहीं प्राप्त करता है तो ऐसी स्थिति में कोर्स लॉक हो जाएगा.
- लॉक किए गए कोर्स को दोबारा करना होगा और इसमें फिर से 70% मार्क्स लाना जरूरी होगा.
- प्रत्येक माह में कोर्स को ज्वाइन करने की अंतिम तिथि 25 तारीख निर्धारित है, 25 तारीख के बाद कोर्स ज्वाइन नहीं कर सकते.
- कोर्स के मूल्यांकन से छेड़छाड़ नहीं किया जाए इससे कोर्स बीच में ही 96% या 97% तक होकर रुक सकता है.
- कोर्सेज के सभी मॉडल को एक-एक करके पूरा करें. कभी भी एक श्रंखला को छोड़कर कोर्स न करें. ऐसी स्थिति में कोर्स इनकंप्लीट हो सकता है.