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Bihar School Reopening: बिहार में अब 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे स्कूल कॉलेज, इन नियमों का करना होगा पालन

 Bihar School Reopening: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में स्कूल-कॉलेजों को खोलने का फैसला लिया है. राज्य में अनलॉक-4 की घोषणा करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि अब 11 वीं से ऊपर के शिक्षण संस्थानों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोले जाएंगे. नीतीश कुमार ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके यह जानकारी दी है.

मुख्यमंत्री ने स्कूल-कॉलेजों को खोलने पर फैसला सुनाने के साथ ही कहा कि राज्य में रेस्टोरेंट और खाने की दुकान का संचालन 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ हो सकेगा. नीतीश ने हालांकि लोगों से अभी भी सावधानी बरतने की बात कही है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, यूनिवर्सिटी, सभी कॉलेज, तकनीकी शिक्षण संस्थान, सरकारी प्रशिक्षण संस्थान, 11 वीं और 12 वीं तक के स्कूल 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ खुलेंगे. साथ ही कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मियों के लिए टीकाकरण की विशेष व्यवस्था होगी.

करना होगा इन नियमों का पालन

नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए कहा कि बिहार में 50 फीसदी उपस्थिति के साथ 11वीं और 12वीं के स्कूल और कॉलेज-यूनिवर्सिटी खोला जा सकता है. स्कूलों और कॉलेजों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा. बिहार में तकनीकी शिक्षण संस्थान भी खोलने की अनुमति दी गई है. नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए कहा कि बिहार में 50 फीसदी उपस्थिति के साथ 11वीं और 12वीं के स्कूल और कॉलेज-यूनिवर्सिटी खोला जा सकता है. स्कूलों और कॉलेजों में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines)का पालन करना अनिवार्य होगा. बिहार में तकनीकी शिक्षण संस्थान भी खोलने की अनुमति दी गई है.

कोरोना के चलते बंद थे स्कूल

बताते चलें कि बिहार में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए स्कूल बंद कर दिया गया था. साल के शुरूआत में ही स्कूल खोलने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कोरोना के फिर से बढ़ते केसेज के बाद सरकार ने बंद करने का ऐलान किया था. हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा, “हम शिक्षण संस्थानों को इसलिए खोलना चाह रहे हैं कि कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते लगातार स्कूल-कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं, इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित है. विशेषकर छोटे बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला ही टूट जाता है, जिसे फिर पटरी पर लाना कठिन हो जाता है.

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