सहरसा। सरकार ने प्रखंड के सभी पंचायत में मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया, लेकिन शिक्षक का पदस्थापन नहीं रहने के कारण बिना शिक्षक के ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय चल रहा है।
2020 में मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर बनाए गए उच्च विद्यालय में इस बार नवम वर्ग की छात्रों का नामांकन जरूर हुआ है, लेकिन उसे पढ़ाने वाले शिक्षक मध्य विद्यालय के ही हैं। इस तरह की समस्या प्रखंड के सभी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में है। विभाग ने मध्य विद्यालय में पदस्थापित उच्च डिग्री प्राप्त शिक्षक को डिप्युटेशन उत्क्रमित उच्च विद्यालय में करके चार जनवरी से खुल रहे शिक्षण कार्य की व्यवस्था जरूर की है, लेकिन उच्च विद्यालय के छात्रों को समुचित शिक्षा देने की पूर्ण व्यवस्था नहीं होने के कारण बिना पढ़े ही छात्रों को परीक्षा में शामिल होना पड़ सकता है।
प्रखंड के सुहथ पंचायत के मध्य विद्यालय भवटिया को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बनाया गया। उच्च विद्यालय बनने के बाद भवन का भी निर्माण हो चुका है, लेकिन उच्च विद्यालय में मान्यता प्राप्त शिक्षक का पदस्थापन नहीं हुआ है। मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक ही उच्च विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। यही स्थिति अन्य उत्क्रमित उच्च विद्यालय की है। जहां मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक ही उच्च विद्यालय का कार्य देखते हैं। चार साल पूर्व उत्क्रमित हुए महावीर उच्च विद्यालय धमसेना, उच्च विद्यालय महेशपुर के छात्र स्कूल में बिना पढ़ाई के ही तीन साल से मैट्रिक परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। जबकि दोनों उच्च विद्यालय को अपनी जमीन है। भवन बनाने के लिए राशि भी आवंटित हो चुकी है। उसके बावजूद भवन निर्माण नहीं हो रहा है। महावीर उच्च विद्यालय में उच्च विद्यालय के शिक्षक का पदस्थापन भी हुआ है। वहीं उच्च विद्यालय महेशपुर में चार साल बाद भी एक भी उच्च विद्यालय के शिक्षक का पदस्थापन नहीं हुआ है। उत्क्रमित उच्च विद्यालय भवटिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुमन कुमार सिंह ने बताया कि विभाग के निर्देश का पालन करते हुए बेहतर तरीके से मध्य एवं उच्च विद्यालय का शिक्षण कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना के कारण छात्रों का विद्यालय आना बंद है। चार जनवरी से विभागीय आदेश के मुताबिक उच्च विद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू होगा, बेहतर शिक्षा देने की प्रयास किया जाएगा।